इजरायल-ईरान संघर्ष: क्षेत्रीय स्थिरता पर बढ़ता खतरा

इजरायल-ईरान संघर्ष की गंभीरता
इजरायल-ईरान संघर्ष: इजरायल और ईरान के बीच का तनाव अब एक गंभीर मोड़ पर पहुंच चुका है। इस बीच, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराग़ची ने इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा से फोन पर बातचीत की। इस चर्चा के बाद, ओआईसी ने इजरायल के सैन्य हमलों की कड़ी निंदा करते हुए ईरान के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया।
ओआईसी ने एक बयान जारी कर इस बातचीत की जानकारी दी। बयान में कहा गया, "चर्चा हाल ही में इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए सैन्य हमलों पर केंद्रित थी।" बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने इजरायली हमलों के क्षेत्रीय स्थिरता पर पड़ने वाले गंभीर प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की। ओआईसी ने स्पष्ट रूप से कहा, "महासचिव ने ओआईसी महासचिवालय की ओर से इन हमलों की कड़ी निंदा की और ईरान के साथ पूरी एकजुटता जताई।"
इजरायल और ईरान के बीच लगातार सैन्य कार्रवाई
इजरायल-ईरान के बीच लगातार हमले:
शुक्रवार रात, इजरायल ने ईरान के परमाणु स्थलों पर हमले किए, जिसके जवाब में ईरान ने इजरायल पर मिसाइलें दागीं। इसके बाद से दोनों देशों के बीच हवाई हमलों का सिलसिला जारी है। शनिवार रात को भी इजरायल और ईरान ने एक-दूसरे के खिलाफ सैन्य कार्रवाइयां कीं। इन हमलों ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है, जिससे क्षेत्रीय शांति पर खतरा मंडरा रहा है।
क्षेत्रीय स्थिरता पर खतरा
क्षेत्रीय स्थिरता पर बढ़ता खतरा:
ईरान और इजरायल के बीच यह सैन्य टकराव क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है। ओआईसी की यह प्रतिक्रिया इस्लामिक देशों के बीच एकजुटता का संदेश देती है। अब्बास अराग़ची और हिसेन ब्राहिम ताहा की यह बातचीत न केवल ईरान के समर्थन में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि क्षेत्र में शांति स्थापना के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है।
इजरायल-ईरान संघर्ष में हताहत
अब तक इजरायल और ईरान के बीच तनाव में कितनों ने गंवाई जान:
मिली जानकारी के अनुसार, इजरायल द्वारा दो दिन में किए गए हवाई हमलों के चलते ईरान में भारी संख्या में नागरिकों के हताहत होने की सूचना है। ईरानी सरकारी टीवी ने कहा कि तेहरान में 14 मंजिला रिहायशी टावर पर मिसाइल हमले में 20 बच्चों सहित लगभग 60 लोग मारे गए। इजरायली हमलों के पहले दिन कुल 78 मौतें हुईं।