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इमरान खान ने पाकिस्तान में सैन्य शासन की आलोचना की

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की 'हाइब्रिड मॉडल' वाली टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि देश में वर्तमान में पूर्ण सैन्य शासन और तानाशाही का राज है। खान ने अपने आधिकारिक 'एक्स' खाते से यह भी बताया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जनरल असीम मुनीर से मिलने का विकल्प चुना, जो सैन्य शासन का स्पष्ट संकेत है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और खान के विचार।
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इमरान खान ने पाकिस्तान में सैन्य शासन की आलोचना की

इमरान खान का बयान

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की उस टिप्पणी का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने देश में 'हाइब्रिड मॉडल' का जिक्र किया था। खान ने कहा कि वर्तमान में पाकिस्तान में 'पूर्ण सैन्य शासन और तानाशाही' का राज है, न कि कोई हाइब्रिड सिस्टम।


पीटीआई नेताओं की प्रतिक्रिया

खान की यह टिप्पणी तब आई है जब पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कुछ नेताओं ने कहा कि रक्षा मंत्री ने यह स्वीकार किया है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की सरकार 'कठपुतली शासन' है।


जेल में बंद खान का बयान

जेल में बंद खान ने अपने आधिकारिक 'एक्स' खाते से आसिफ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, 'इस समय पाकिस्तान में कोई 'हाइब्रिड सिस्टम' नहीं है। जो हम देख रहे हैं, वह पूर्ण सैन्य शासन और तानाशाही है।'


सैन्य शासन का उदाहरण

खान ने 18 जून को 'व्हाइट हाउस' में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ जनरल असीम मुनीर की बैठक का उल्लेख करते हुए कहा, 'पाकिस्तान में सैन्य शासन का एक स्पष्ट उदाहरण यह है कि ट्रंप ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ या राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बजाय जनरल मुनीर से मिलना चुना, क्योंकि उन्हें पता है कि सारी ताकत मुनीर के पास है।'


आसिफ का बयान

अगस्त 2023 से जेल में बंद खान ने अपने 'एक्स' खाते से कहा, 'इसलिए मैंने हमेशा कहा है कि बातचीत उन लोगों के साथ होनी चाहिए जिनके पास वास्तविक अधिकार हैं।' रक्षा मंत्री ने 20 जून को कहा था कि देश में 'हाइब्रिड मॉडल' के तहत शासन किया जा रहा है, जिसमें सेना के पास सत्ता का बड़ा हिस्सा है। आसिफ सत्तारूढ़ पीएमएल-एन के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के करीबी सहयोगी हैं।