ईडी ने सीपीएम और नेताओं को धन शोधन मामले में आरोपी बनाया

ईडी की कार्रवाई
केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केरल में धन शोधन से संबंधित एक मामले में सत्तारूढ़ सीपीएम और उसके नेताओं को आरोपी ठहराया है। हाल ही में, ईडी ने कोच्चि की विशेष अदालत में 2021 के करुवन्नूर कोऑपरेटिव बैंक धन शोधन मामले में एक आरोपपत्र पेश किया। इसमें सीपीएम के साथ-साथ पार्टी के आठ नेताओं को भी आरोपित किया गया है। आरोपित नेताओं में लोकसभा सांसद के राधाकृष्णन, पूर्व राज्य मंत्री एसी मोइदीन और त्रिशूर के पूर्व जिला सचिव एमएम वर्गीज शामिल हैं। प्रारंभ में इस मामले की जांच राज्य की अपराध शाखा द्वारा की गई थी, लेकिन बाद में ईडी ने पीएमएलए के तहत अपनी जांच शुरू की और 128 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की।
आरोपों का विवरण
ईडी का आरोप है कि राधाकृष्णन, मोइदीन और वर्गीज ने त्रिशूर में जिला सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अन्य आरोपियों को अवैध रूप से कर्ज दिलवाने में सहायता की। इन अवैध कर्जों का एक हिस्सा पार्टी फंड में भेजा गया। उल्लेखनीय है कि बैंक के शासी निकाय को सीपीएम की दो समितियों द्वारा नियंत्रित किया जाता था। आरोपपत्र में यह भी कहा गया है कि सीपीएम ने अवैध कर्ज का जो हिस्सा पार्टी फंड में भेजा, उसका उपयोग स्थानीय खर्चों, चुनावी बैठकों, पार्टी कार्यालय के लिए भूमि और इमारतों की खरीद, और फर्नीचर आदि के लिए किया गया। इसके अलावा, यह भी दावा किया गया है कि सीपीएम हर जिले में गुप्त खाते चलाती है, जिससे पार्टी धन शोधन की दोषी है।
राजनीतिक संदर्भ
ये गंभीर आरोप हैं और इनकी जांच आवश्यक है। लेकिन यह सवाल भी उठता है कि क्या किसी योजना के तहत विपक्षी पार्टियों को घोटालों और धन शोधन के मामलों में आरोपी बनाया जा रहा है? क्या ऐसा समय आ सकता है जब सभी विपक्षी पार्टियां घोटालों की आरोपी बन जाएं? यह पहली बार नहीं है जब किसी राजनीतिक दल को घोटालों का आरोपी बनाया गया है। इससे पहले, दिल्ली में शराब नीति से जुड़े कथित घोटाले में ईडी ने आम आदमी पार्टी और उसके प्रमुख अरविंद केजरीवाल को भी आरोपी बनाया था।
भविष्य की संभावनाएं
कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मामले में भी जांच चल रही है, जिसमें उन पर हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पने का आरोप है। हालांकि, अभी तक ईडी ने कांग्रेस को आरोपी नहीं बनाया है। लेकिन अगर ऐसा होता है, तो क्या होगा? तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और झारखंड मुक्ति मोर्चा जैसे विपक्षी दलों के नेताओं पर भी भ्रष्टाचार के आरोप हैं। यदि ईडी ने यह साबित कर दिया कि इन नेताओं ने अवैध कमाई की है और उसे पार्टी के कामकाज में इस्तेमाल किया है, तो सभी पार्टियों को आरोपी बना दिया जाएगा। इस बीच, बिहार से एक दिलचस्प खबर आई है कि पुलिस शराब कारोबारी को पकड़ने गई, लेकिन वह भाग गया और पुलिस ने उसके घोड़े को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन राजनीतिक दलों की गिरफ्तारी कैसे होगी?