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ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव: सैन्य चेतावनी और हवाई हमले

ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव ने गंभीर मोड़ ले लिया है। ईरानी सेना ने अमेरिकी राष्ट्रपति को चेतावनी दी है, जबकि अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं। इस स्थिति ने क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह संकट पश्चिम एशिया को प्रभावित कर सकता है। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और क्या हो सकता है आगे।
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ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव: सैन्य चेतावनी और हवाई हमले

ईरान और अमेरिका के बीच तनाव की नई परत

ईरान और अमेरिका के बीच तनाव: ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव ने गंभीर मोड़ ले लिया है। हाल ही में, ईरान की सैन्य केंद्रीय कमान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सीधे चेतावनी दी। एक वीडियो संदेश में, ईरानी प्रवक्ता ने ट्रंप को संबोधित करते हुए कहा, "मिस्टर ट्रंप, जुआरी... आप इस युद्ध को शुरू कर सकते हैं, लेकिन हम इसे समाप्त करेंगे।" यह बयान तब आया जब अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर हवाई हमले किए और दावा किया कि उसने तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।


ईरान की सेना की प्रतिक्रिया

ईरान की सेना ने चेतावनी में क्या कहा?

ईरानी सेना ने अमेरिकी हमलों को खुली आक्रामकता करार दिया और कहा कि अब अमेरिकी सैन्य ठिकाने भी ईरानी सशस्त्र बलों के लिए वैध लक्ष्य बन गए हैं। ईरान ने संकेत दिया है कि वह जल्द ही ऐसी जवाबी कार्रवाई करेगा, जिसके परिणाम अमेरिका के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं। ईरान ने यह भी कहा कि यह युद्ध अब केवल एक देश तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका दायरा पूरी तरह से बदल गया है।


अमेरिकी हमले का प्रभाव

अमेरिकी परमाणु हमले ने चिंता बढ़ाई

रविवार को अमेरिका ने फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान में स्थित ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर सटीक हवाई हमले किए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि इन स्थलों को "पूरी तरह से नष्ट" कर दिया गया है। इस हमले के बाद क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इन हमलों के कारण पूरा पश्चिम एशिया गहरे संकट में है।


विशेषज्ञों की चिंताएं

विशेषज्ञों की चेतावनी और IAEA की निगरानी

पूर्व भारतीय राजनयिक और रणनीतिक विश्लेषक राजीव डोगरा ने अमेरिका की इस कार्रवाई को गैरजिम्मेदाराना बताया। उन्होंने आशंका जताई कि इन हमलों के कारण रेडियोधर्मी रिसाव (रेडिएशन लीक) की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, जो सीमावर्ती देशों और लोगों के लिए खतरा पैदा कर सकता है। डोगरा ने कहा कि परमाणु ठिकानों पर हमले अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन हैं और इससे वैश्विक परमाणु सुरक्षा व्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने कहा कि अभी तक किसी भी क्षेत्र में विकिरण के स्तर में कोई वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन जांच जारी है।