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ईरान के खिलाफ अमेरिका के हमले पर प्रतिक्रिया: इरावानी के पांच तर्क

ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिका के हालिया हमले के बाद, ईरान के राजदूत आमिर सईद इरावानी ने संयुक्त राष्ट्र में पांच प्रमुख तर्क प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने अमेरिका के हमले को संप्रभुता का उल्लंघन बताया और ईरान की संभावित प्रतिक्रिया के बारे में चर्चा की। इस बीच, रूस, चीन, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया जैसे देशों ने ईरान का समर्थन किया है। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी।
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ईरान के खिलाफ अमेरिका के हमले पर प्रतिक्रिया: इरावानी के पांच तर्क

ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमले का प्रभाव

ईरान और अमेरिका के बीच तनाव: हाल ही में ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिका द्वारा बंकर बस्टर बम से किए गए हमले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ईरान इस पर जवाबी कार्रवाई करेगा और यदि हां, तो कब? इस संदर्भ में, ईरान के राजदूत आमिर सईद इरावानी ने संयुक्त राष्ट्र में एक बैठक के दौरान स्पष्ट किया कि अमेरिका पर जवाबी हमला किया जाएगा। उन्होंने इसके लिए पांच प्रमुख कारण भी बताए हैं।


इरावानी के पांच तर्क

1. इरावानी के अनुसार, अमेरिका ने एक शांतिपूर्ण देश की संप्रभुता का उल्लंघन किया है। उनके मुताबिक, अमेरिका के पास ईरान पर हमला करने का कोई वैध कारण नहीं था, जबकि ईरान परमाणु अप्रसार संधि का पालन कर रहा था।


2. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका मध्य पूर्व में आतंकवादियों का समर्थन करता है और गाजा पर इजरायल के हमलों पर चुप रहता है। ईरान इस स्थिति को बर्दाश्त नहीं करेगा।


3. इरावानी ने बताया कि अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता के लिए ओमान में बैठक निर्धारित थी, लेकिन उससे पहले ही इजरायल ने ईरान पर हमला किया। यह संधि से भागने का संकेत है।


4. उन्होंने कासिम सुलेमानी की हत्या का मामला उठाते हुए कहा कि यह एक शीर्ष सैन्य अधिकारी की हत्या थी, जो अमेरिका द्वारा की गई एक अन्यायपूर्ण कार्रवाई है।


5. अंत में, इरावानी ने कहा कि ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची शांति वार्ता के लिए यूरोपीय देशों से बातचीत कर रहे थे, लेकिन अमेरिका ने इस पर हमला किया। ईरान इसका बदला जरूर लेगा।


ईरान के समर्थन में अन्य देश

ईरान के समर्थन में रूस, चीन, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया जैसे देश खुलकर सामने आए हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने इसे संप्रभुता पर हमला बताया है। उत्तर कोरिया ने भी अमेरिका के खिलाफ बयान जारी किया है।