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ईरान पर अमेरिका के हवाई हमले: वैश्विक प्रतिक्रियाएँ और ट्रंप का सख्त संदेश

अमेरिका ने ईरान के प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिसके बाद वैश्विक स्तर पर प्रतिक्रियाएँ आईं। राष्ट्रपति ट्रंप ने इन हमलों को ईरान की परमाणु क्षमता को समाप्त करने के लिए आवश्यक बताया। इजराइल ने इस कदम की सराहना की, जबकि ईरान ने इसे निंदनीय करार दिया। संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों ने इस कार्रवाई की आलोचना की है। जानें इस घटनाक्रम पर विभिन्न देशों की प्रतिक्रियाएँ और ट्रंप का सख्त संदेश।
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ईरान पर अमेरिका के हवाई हमले: वैश्विक प्रतिक्रियाएँ और ट्रंप का सख्त संदेश

अमेरिका का सैन्य कदम

शनिवार को अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान में स्थित तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर हवाई हमले किए। इन हमलों के तुरंत बाद, वैश्विक स्तर पर प्रतिक्रियाएँ आनी शुरू हो गईं, जिसमें इजराइल की प्रशंसा और संयुक्त राष्ट्र तथा अन्य देशों की कड़ी आलोचना शामिल थी.


ट्रंप का बयान

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक टेलीविजन संबोधन में इन हमलों की पुष्टि करते हुए कहा कि यह कार्रवाई ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को समाप्त करने और वैश्विक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए की गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ईरान ने शांति का मार्ग नहीं अपनाया, तो भविष्य में हमले और भी व्यापक हो सकते हैं.


इजराइल की सराहना

इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर जो साहसिक निर्णय लिया है, वह इतिहास को बदलने वाला है।


ईरान की प्रतिक्रिया

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि यह घटना अत्यंत निंदनीय है और इसके गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि तेहरान सभी विकल्पों को सुरक्षित रखता है.


संयुक्त राष्ट्र की चिंता

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने इसे एक खतरनाक उकसावा बताया और कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए खतरा है। उन्होंने सैन्य हल के बजाय कूटनीतिक समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया.


नाटो की स्थिति

नाटो के एक अधिकारी ने कहा कि गठबंधन स्थिति पर करीबी नजर रख रहा है और इराक में नाटो की सलाहकार भूमिका पर संभावित प्रभावों की निगरानी की जा रही है.


चीन की टिप्पणी

चीन की सरकारी मीडिया ने सवाल उठाया कि क्या अमेरिका ईरान में अपनी इराक की गलती दोहरा रहा है, यह बताते हुए कि मध्य पूर्व में सैन्य हस्तक्षेप अक्सर अनचाहे परिणाम लाता है.


जापान और दक्षिण कोरिया की बैठकें

जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू ईशिबा ने अमेरिकी हमलों के प्रभावों का आकलन करने के लिए एक आपात बैठक बुलाई है। दक्षिण कोरिया ने भी सुरक्षा और आर्थिक प्रभावों को समझने के लिए आपात बैठक की घोषणा की है.


न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया की अपील

न्यूज़ीलैंड के विदेश मंत्री ने सभी पक्षों से वार्ता में लौटने की अपील की है, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बताया है.


लैटिन अमेरिकी देशों की निंदा

वेनेजुएला और क्यूबा के नेताओं ने अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों की कड़ी निंदा की है, इसे एक खतरनाक उकसावा और मानवता के लिए खतरा बताया है.