ईरान पर अमेरिकी हमलों पर जापान का कड़ा विरोध: हिरोशिमा की यादें ताजा

ईरान पर हमलों की तुलना हिरोशिमा से
ईरान पर हमले: जापान ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा ईरान पर हाल ही में किए गए अमेरिकी हमलों की तुलना हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए परमाणु बम विस्फोटों से करने के बाद अपना कड़ा विरोध जताया है। नागासाकी के मेयर समेत स्थानीय नेताओं ने बमबारी की दर्दनाक विरासत को याद करते हुए अपनी निराशा और गुस्सा व्यक्त किया।
ट्रम्प का विवादास्पद बयान
नीदरलैंड की राजधानी हेग में आयोजित नाटो शिखर सम्मेलन के दौरान ट्रम्प ने कहा, "मैं हिरोशिमा या नागासाकी का उदाहरण नहीं देना चाहता। लेकिन हमारे हमले उसी तरह थे, जिसने ईरान-इजरायल युद्ध को समाप्त किया।" ट्रम्प ने यह भी दावा किया कि 22 जून को अमेरिकी बी-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स द्वारा ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। हालांकि, अमेरिकी खुफिया रिपोर्टों का कहना है कि ये हमले ईरान के परमाणु कार्यक्रम को केवल कुछ महीनों के लिए पीछे धकेलने में सफल रहे हैं।
नागासाकी के मेयर की प्रतिक्रिया
नागासाकी के मेयर शिरो सुजुकी ने ट्रम्प की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यदि ट्रम्प की टिप्पणी परमाणु बम गिराने को उचित ठहराती है, तो यह हमारे लिए अत्यंत दुखद है, क्योंकि हम पर बमबारी की गई थी।" हिरोशिमा के नागरिकों ने इस पर विरोध प्रदर्शन किया और ट्रम्प से अपने बयान को वापस लेने की मांग की। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हिरोशिमा के सांसदों ने परमाणु हथियारों के उपयोग को उचित ठहराने वाले किसी भी बयान को खारिज करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया।
जापान की प्रतिक्रिया
जापानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए परमाणु हमलों की तुलना किसी भी आधुनिक सैन्य कार्रवाई से करना न केवल अनुचित है, बल्कि उन लाखों लोगों की पीड़ा का अपमान भी है, जिन्होंने अपनी जान गंवाई।" जापान ने संयुक्त राष्ट्र से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। हिरोशिमा के मेयर काज़ुमी मात्सुई ने कहा, "ऐसी तुलना परमाणु हथियारों के खतरों को कम करती है और वैश्विक शांति के लिए खतरा है।"
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
ईरान ने भी ट्रम्प के बयान की निंदा की है। ईरानी विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताते हुए कहा कि वे इसका जवाब देंगे। दूसरी ओर, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी हमलों की सराहना की, इसे "शांति के लिए ताकत का प्रदर्शन" कहा। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सभी पक्षों से संयम बरतने और बातचीत का रास्ता अपनाने की अपील की है।
युद्धविराम और आगे की उम्मीद
12 दिनों तक चले ईरान-इजरायल युद्ध के बाद 24 जून को ट्रम्प की मध्यस्थता से युद्धविराम की घोषणा हुई थी। लेकिन, ईरान द्वारा कतर के अल-उदीद एयरबेस पर जवाबी हमला और इजरायल के तेल अवीव पर मिसाइल हमले ने तनाव को फिर से बढ़ा दिया। ट्रम्प ने दावा किया कि उनके हमलों ने युद्ध को समाप्त किया, लेकिन क्षेत्रीय स्थिरता पर सवाल बने हुए हैं।