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ईरान में खमेनेई की उत्तराधिकार प्रक्रिया शुरू, मोजतबा का नाम नहीं

ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खमेनेई ने अपनी संभावित हत्या के खतरे के बीच उत्तराधिकार प्रक्रिया शुरू की है। उन्होंने तीन धार्मिक नेताओं के नाम सुझाए हैं, लेकिन उनके बेटे मोजतबा का नाम शामिल नहीं है। इजराइल के रक्षा मंत्री की धमकी के बाद खमेनेई ने सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। जानें इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बारे में और क्या हो रहा है ईरान में।
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ईरान में खमेनेई की उत्तराधिकार प्रक्रिया शुरू, मोजतबा का नाम नहीं

ईरान-इजराइल संघर्ष: खमेनेई की उत्तराधिकार प्रक्रिया

ईरान-इजराइल संघर्ष: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनेई ने अपनी संभावित हत्या के खतरे के मद्देनजर अगली नेतृत्व प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। 86 वर्षीय खमेनेई ने तीन धार्मिक नेताओं के नाम संभावित उत्तराधिकारियों के रूप में सुझाए हैं, जिनमें उनका बेटा मोजतबा शामिल नहीं है।


मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, खमेनेई ने सेना की उच्च कमान में भी कई संभावित बदलावों का संकेत दिया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में सत्ता संचालन सुचारू बना रहे।


इजराइल की धमकी और खुफिया गतिविधियाँ

इजराइल की धमकी और खुफिया गतिविधियाँ


इजराइल के रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज़ द्वारा यह कहे जाने के बाद कि 'सुप्रीम लीडर अब जीवित नहीं रह सकते,' ईरान में हलचल तेज हो गई। इसके बाद खमेनेई ने अपने उत्तराधिकार को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाए।


रिपोर्ट के अनुसार, खमेनेई इस समय किसी अज्ञात स्थान पर छिपे हुए हैं और केवल एक विश्वसनीय सहायक के माध्यम से अपने सैन्य अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं। ईरान की खुफिया एजेंसी ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों को मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक संचार से बचने का निर्देश दिया है।


मोजतबा को क्यों नहीं चुना गया?

मोजतबा को क्यों नहीं चुना गया?


खमेनेई के बेटे मोजतबा, जो स्वयं एक धर्मगुरु हैं और ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड से भी निकटता रखते हैं, को उत्तराधिकारी सूची से बाहर रखा गया है। यह तब और चौंकाने वाला है जब पिछले उत्तराधिकारी माने जाने वाले राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पिछले साल एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए थे।


रिपोर्ट में बताया गया है कि खमेनेई अब अपनी मृत्यु को शहादत मानते हैं और चाहते हैं कि उनके बाद सत्ता का हस्तांतरण 'शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित' तरीके से हो, जिससे उनकी विरासत सुरक्षित रह सके। हालांकि इन सभी घटनाओं के बावजूद, ईरान की शासन व्यवस्था अभी भी कार्यशील है और सत्ता के गलियारों में विद्रोह या असहमति के कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिख रहे हैं।