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उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में राज्यसभा चुनाव की तैयारी

नवंबर 2026 में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में राज्यसभा चुनाव होने जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश की 10 सीटों में से अधिकांश पर भाजपा का कब्जा है, जबकि बसपा की एकमात्र सीट भी खतरे में है। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी को संभावित लाभ मिल सकता है। जानें इस चुनाव के संभावित परिणाम और प्रमुख नेताओं की रिटायरमेंट की स्थिति के बारे में।
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उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में राज्यसभा चुनाव की तैयारी

राज्यसभा चुनाव की तिथि और सीटों का बंटवारा

नवंबर 2026 में उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव आयोजित किए जाएंगे, साथ ही उत्तराखंड की एक सीट पर भी मतदान होगा। उत्तर प्रदेश की 10 सीटों में से आठ पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कब्जा है, जबकि एक सीट समाजवादी पार्टी (सपा) और एक सीट बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पास है। बसपा के एकमात्र सांसद रामजी लाल गौतम हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा को केवल एक सीट प्राप्त हुई थी, जिससे यह संभावना है कि नवंबर 2026 में बसपा को कोई सीट नहीं मिलेगी और रामजी गौतम रिटायर हो जाएंगे। इस स्थिति में, बसपा संसद के दोनों सदनों में बिना प्रतिनिधित्व के रह जाएगी, जो पिछले तीन दशकों में पहली बार होगा।


राज्यसभा में सीटों की आवश्यकता और संभावित परिणाम

उत्तर प्रदेश में एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए 37 वोटों की आवश्यकता होगी। इस परिप्रेक्ष्य में, समाजवादी पार्टी को दो सीटों का लाभ मिल सकता है। रिटायर हो रहे रामगोपाल यादव फिर से उच्च सदन में प्रवेश कर सकते हैं, और उनके अलावा दो अन्य व्यक्तियों को भी मौका मिलेगा। बसपा की एकमात्र सीट उसके हाथ से चली जाएगी, जिससे भाजपा को एक सीट का नुकसान होगा। उल्लेखनीय है कि कई भाजपा के प्रमुख नेता अगले वर्ष रिटायर हो रहे हैं, जिनमें केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, पार्टी महासचिव अरुण सिंह, पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और नीरज शेखर शामिल हैं।