उत्तर प्रदेश के तीन विधायक बने असम्बद्ध, मंत्री बनने की राह आसान
उत्तर प्रदेश विधानसभा के तीन विधायक, अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह और मनोज पांडेय, अब असम्बद्ध सदस्यों के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुके हैं। यह बदलाव समाजवादी पार्टी से उनके निष्कासन के बाद हुआ है, जिससे उनकी मंत्री बनने की संभावनाएं खुल गई हैं। इन विधायकों ने पहले सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन राज्यसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार को समर्थन दिया था। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और इसके राजनीतिक प्रभाव।
Jul 10, 2025, 18:14 IST
| उत्तर प्रदेश विधानसभा में बदलाव
उत्तर प्रदेश विधानसभा के तीन विधायक, अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह और मनोज पांडेय, अब असम्बद्ध सदस्यों के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुके हैं। यह परिवर्तन समाजवादी पार्टी (सपा) से उनके निष्कासन के बाद हुआ है, जिससे उनकी मंत्री बनने की संभावनाएं अब खुल गई हैं। ये विधायक पहले सपा के टिकट पर विधानसभा में पहुंचे थे, लेकिन राज्यसभा चुनाव के दौरान इन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के उम्मीदवार को समर्थन देने के लिए क्रॉस वोटिंग की थी।इस घटनाक्रम के बाद, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि अब जब इनका निष्कासन हो चुका है, तो उनकी मंत्री बनने में कोई रुकावट नहीं रहेगी। 5 जुलाई 2025 को, अखिलेश यादव ने एक पत्र में स्पष्ट किया कि मनोज पांडेय, राकेश प्रताप सिंह और अभय सिंह को सपा से निष्कासित किया गया था। इसके बाद विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने एक पत्र जारी किया, जिसमें इन तीनों को असम्बद्ध सदस्य के रूप में मान्यता दी गई।
अब ये विधायक किसी पार्टी से जुड़े नहीं रहेंगे और निर्दलीय सदस्यों के रूप में विधानसभा सत्रों में भाग लेंगे। दिलचस्प बात यह है कि मनोज पांडेय ने क्रॉस वोटिंग के तुरंत बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह से मुलाकात की थी और बाद में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली।