उत्तर प्रदेश में जीएसटी सुधार: आम जनता को मिली राहत
जीएसटी सुधार का शुभारंभ
उत्तर प्रदेश में शारदीय नवरात्र के पहले दिन नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी सुधार की शुरुआत हुई है, जिसने आम जनजीवन में नई उम्मीदें जगाई हैं। इस बार सरकार का ध्यान व्यापारियों से हटकर सीधे उपभोक्ताओं पर केंद्रित है। स्कूल और कॉलेज जाने वाले बच्चों से लेकर घरेलू जरूरतों में उलझे परिवारों तक, सभी को नई टैक्स नीति से लाभ मिल रहा है।सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के हजरतगंज में मीडिया से बातचीत में बताया कि बच्चों की शिक्षा से संबंधित वस्तुएं जैसे नोटबुक, पेंसिल और अन्य स्टेशनरी अब पूरी तरह से टैक्स मुक्त हो गई हैं। इससे माता-पिता के लिए पढ़ाई का खर्च कम होगा।
महत्वपूर्ण वस्तुएं हुईं सस्ती, जीवन रक्षक दवाएं भी टैक्स मुक्त: कई आवश्यक वस्तुएं और रोजमर्रा की चीजें अब 0% से 5% के टैक्स स्लैब में आ गई हैं। इसके अलावा, 33 प्रकार की आवश्यक दवाओं को जीएसटी से पूरी तरह बाहर कर दिया गया है, जिससे इलाज सस्ता होगा और गरीब वर्ग को राहत मिलेगी।
बाजार में नई जान, रोजगार में वृद्धि: नई टैक्स नीति का प्रभाव केवल उपभोक्ताओं तक सीमित नहीं है। व्यापारिक क्षेत्रों में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। बाजार में मांग बढ़ने से उत्पादन में तेजी आई है, जिससे नए रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। सीएम योगी ने इसे युवाओं के लिए सुनहरा अवसर बताया।
उत्तर प्रदेश बना जीएसटी सुधार का सबसे बड़ा लाभार्थी: योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा उपभोक्ता राज्य है, इसलिए यहां इस सुधार का व्यापक प्रभाव देखने को मिलेगा। उन्होंने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद प्रदेश की टैक्स वसूली 49 हजार करोड़ से बढ़कर 1.15 लाख करोड़ के पार चली गई है।
सरकार का सीधा संवाद: सीएम ने मीडिया से पहले हजरतगंज मार्केट में दुकानदारों और ग्राहकों से मुलाकात की। उन्होंने लोगों को नए जीएसटी सुधारों के बारे में बैनर और पंपलेट के माध्यम से जानकारी दी। जनता ने इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री का आभार व्यक्त किया।
त्योहारी सीजन में महंगाई से राहत: त्योहारी मौसम में आमतौर पर खर्च बढ़ता है, लेकिन इस बार सरकार ने सही समय पर राहत प्रदान की है। योगी आदित्यनाथ ने इसे देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि ये सुधार लंबे समय तक महंगाई पर नियंत्रण में मदद करेंगे।