उत्तर प्रदेश में नई आईटी सिटी का विकास: 5000 आवासीय भूखंडों का निर्माण

उत्तर प्रदेश में आईटी सिटी का निर्माण
उत्तर प्रदेश समाचार: राज्य में एक नई आईटी सिटी का विकास किया जा रहा है, जो सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। यह परियोजना लगभग 2858 एकड़ भूमि पर फैली होगी और इसके लिए प्रशासन ने तेजी से कार्य प्रारंभ कर दिया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने इस आईटी सिटी को आधुनिक बनाने के लिए कार्य शुरू कर दिया है। सेंट्रल पार्क और गोल्फ कोर्स को 188 एकड़ में विकसित किया जाएगा, जो स्थानीय निवासियों के लिए एक हरा-भरा स्थान होगा। सोमवार को, एलडीए की टीम ने मोहारी खुर्द और मोहारी कला गांवों में 200 बीघा भूमि पर कब्जा कर सेक्टर विकास का कार्य आरंभ किया।
स्थानीय किसानों का सहयोग
स्थानीय किसानों ने इस अवसर पर भूमि पूजन किया और एलडीए अधिकारियों को मिट्टी देकर विकास कार्य में सहयोग का प्रतीक प्रस्तुत किया। एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि यह आईटी सिटी सुल्तानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग और किसान पथ के बीच बनाई जाएगी।
गांवों की भूमि का समावेश
इन गांवों की जमीन भी शामिल होगी
एलडीए ने बताया कि मोहनलालगंज तहसील के बक्कास, सोनई कंजेहरा, सिकन्दरपुर अमोलिया, सिद्धपुरा, परेहटा, पहाड़नगर टिकरिया, रकीबाबाद, मोहारी खुर्द, खुजौली और भटवारा जैसे गांवों की भूमि इस परियोजना में शामिल की जाएगी। शानदार सड़क कनेक्टिविटी इस योजना को लोगों के लिए बहुत सुविधाजनक बनाएगी।
5000 आवासीय भूखंडों का निर्माण
5000 प्लाट उत्पादित होंगे
इस परियोजना में लगभग 5,000 आवासीय भूखंड बनाए जाएंगे, जिनका क्षेत्रफल 72 से 200 वर्गमीटर तक होगा। बड़े भूखंड भी समूह आवास के लिए तैयार किए जाएंगे। आईटी सिटी को इस प्रकार विकसित किया जा रहा है कि यह निजी निवेश को आकर्षित करे, जिससे रोजगार और निवेश को बढ़ावा मिले। इसके लिए 445.65 एकड़ क्षेत्र औद्योगिक गतिविधियों और 260 एकड़ क्षेत्र व्यावसायिक गतिविधियों के लिए आरक्षित किया गया है। इससे व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा, पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए 200 एकड़ की ग्रीन बेल्ट में गोल्फ सिटी और 15 एकड़ की जल निकाय बनाई जाएगी।
किसानों को लाभ
जमीन का कई गुना लाभ मिलेगा
किसानों का उत्साह और भूमि पूलिंग का लाभ: एलडीए की भूमि पूलिंग नीति को किसानों ने बहुत सहानुभूति दी है। इस नीति से किसानों को उनकी जमीन का कई गुना लाभ मिलेगा। उदाहरण के लिए, मोहारी खुर्द में जमीन का सर्किल रेट 8 लाख रुपये प्रति बीघा है। सामान्य मुआवजे में किसान को 32 लाख रुपये मिलेंगे, लेकिन लैंड पूलिंग में 100% जमीन देने पर किसान को 25% विकसित आवासीय जमीन (6800 वर्गफीट) मिलेगी, जिसकी कीमत 3 करोड़ रुपये से अधिक होगी। जबकि सामान्य मुआवजे में किसान को 32 लाख रुपये मिलेंगे। एलडीए उपाध्यक्ष ने कहा कि योजना को इस साल दीवाली तक शुरू करने की योजना है। लखनऊ को इस परियोजना से नए रोजगार और निवेश के अवसर मिलेंगे, साथ ही शहर को आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल बनाया जाएगा।