उत्तर प्रदेश में नए एक्सप्रेसवे का निर्माण: हाई स्पीड नेटवर्क का विस्तार
उत्तर प्रदेश में हाई स्पीड एक्सप्रेसवे का निर्माण
उत्तर प्रदेश में सड़कों के हाई स्पीड नेटवर्क को और अधिक विकसित करने की योजना बनाई जा रही है। अगले चार वर्षों में, राज्य में 11 नए एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा। यह ध्यान देने योग्य है कि उत्तर प्रदेश पहले से ही सबसे अधिक एक्सप्रेसवे वाला राज्य है। इन नए एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद, अन्य राज्यों के लिए इस रिकॉर्ड को तोड़ना मुश्किल होगा। यूपी एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी इन एक्सप्रेसवे का निर्माण करेगी। जब ये हाई स्पीड मार्ग तैयार हो जाएंगे, तो यह न केवल पश्चिम से पूर्वांचल तक के क्षेत्रों को जोड़ेगा, बल्कि एनसीआर क्षेत्र, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार जैसे राज्यों से भी बेहतर संपर्क स्थापित करेगा।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया फरवरी 2026 में शुरू होगी
नए एक्सप्रेसवे के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR), भूमि अधिग्रहण और निर्माण कार्य की समयसीमा निर्धारित कर दी गई है। 2026 तक, राज्य को देश के सबसे लंबे हाई स्पीड नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। इनमें से कुछ प्रमुख रूट्स में चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे शामिल है, जिसे अगस्त 2027 तक पूरा किया जाएगा। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को फर्रुखाबाद से जोड़ने का कार्य भी किया जाएगा। कई एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य फरवरी 2026 से शुरू होगा।
महत्वपूर्ण परियोजनाएं
UPEIDA की योजना के अनुसार, जेवर लिंक एक्सप्रेसवे, मेरठ-हरिद्वार एक्सप्रेसवे, झांसी लिंक एक्सप्रेसवे, नोएडा-जेवर एक्सप्रेसवे, विंध्य और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, चित्रकूट-रीवा एक्सप्रेसवे का एलाइनमेंट और अनुमान अगले चार महीनों में तैयार किया जाएगा। कुछ वर्षों में, लगभग 1500 किलोमीटर का नया हाई स्पीड एक्सप्रेसवे रूट तैयार होगा। यूपी सरकार पिछले कुछ वर्षों से राज्य को औद्योगिक हब में विकसित करने की दिशा में काम कर रही है। एक्सप्रेसवे के माध्यम से बड़े शहरों को जोड़ने के बाद, अब छोटे शहरों को भी नए हाई स्पीड रूट्स से जोड़ा जाएगा।
एक साथ कई कार्यों का संचालन
उत्तर प्रदेश में नए एक्सप्रेसवे के साथ-साथ औद्योगिक कॉरिडोर बनाने की भी योजना है। ये नए एक्सप्रेसवे मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स, और वेयरहाउसिंग हब के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इन परियोजनाओं के माध्यम से राज्य में निवेश में तेजी आएगी और नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इससे शहरों के बीच यात्रा करना आसान होगा और माल ढुलाई के कार्य भी सरल हो जाएंगे। कम समय में यात्रा करने से खर्च और समय दोनों में कमी आएगी।
