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उत्तर प्रदेश में पूजा पाल का निष्कासन: सियासी हलचल तेज

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल के निष्कासन ने राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है। पार्टी ने अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए उन्हें बाहर किया, जबकि बीजेपी ने इस पर सवाल उठाए हैं। पूजा पाल ने योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की थी, जिसके बाद यह विवाद शुरू हुआ। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं।
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उत्तर प्रदेश में पूजा पाल का निष्कासन: सियासी हलचल तेज

सपा विधायक पूजा पाल का निष्कासन

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल के निष्कासन ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। समाजवादी पार्टी ने अनुशासनहीनता का हवाला देते हुए उन्हें पार्टी से बाहर किया है, जबकि बीजेपी ने इस पर सवाल उठाते हुए अखिलेश यादव की पीडीए पर निशाना साधा है। पूजा पाल ने भी इस मुद्दे पर कई सवाल उठाए हैं।


हाल ही में विधानसभा की कार्यवाही के दौरान, पूजा पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जब उनके पति राजू पाल की हत्या हुई, तब वह केवल 9 दिन की विवाहित थीं।


पूजा पाल ने योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने उनके आंसुओं को समझा और उनके पति के हत्यारे अतीक अहमद को सजा दिलाई। उन्होंने यह भी कहा कि योगी की जीरो टॉलरेंस नीति के कारण अब कोई माफिया महिलाओं पर बुरी नजर नहीं डाल सकता।


सपा के आरोप और प्रतिक्रिया

पूजा पाल का यह बयान समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव तक पहुंचा, जिसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। पार्टी ने एक पत्र जारी कर उन पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया, जिसमें कहा गया कि वह बार-बार पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रही हैं। इस पत्र की एक प्रति विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को भी भेजी गई।


अखिलेश यादव की टिप्पणी

निष्कासन के बाद, अखिलेश यादव ने कहा कि यदि बीजेपी पूजा पाल को पहले टिकट देती, तो यह स्थिति नहीं आती। पूजा पाल को अब बीजेपी में अपनी जगह बनानी चाहिए। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर योगी आदित्यनाथ की तस्वीर साझा की है।


पूजा पाल ने अखिलेश यादव पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह कैसा समाजवाद है, जिसमें एक पीड़ित महिला को सत्य बोलने पर अपमानित किया जाता है।


बीजेपी और सपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप

पूजा पाल के निष्कासन के बाद, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि यह समाजवादी पार्टी की मान मर्यादा का अपमान है। उन्होंने सपा को महिला विरोधी और ओबीसी विरोधी बताया।


सपा नेता शिवपाल यादव ने भी पूजा पाल पर तंज कसते हुए कहा कि उनका भविष्य भी केशव प्रसाद मौर्य जैसा होगा।


राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के दौरान सपा के सात विधायकों ने बीजेपी को वोट दिया था, जिसमें से तीन को पहले ही पार्टी से निकाला जा चुका है। अब पूजा पाल का निष्कासन इस बात को और बढ़ा देता है कि बीजेपी ने अखिलेश यादव की पीडीए पर सवाल उठाए हैं।