उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची का पुनरीक्षण: 2.89 करोड़ नाम हटाए जाएंगे
मतदाता सूची के पुनरीक्षण की नई तारीखें
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के पुनरीक्षण, जिसे स्पेशल इंसेंटिव रिवीजन (SIR) कहा जाता है, से जुड़ी एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट की ड्राफ्टिंग के कार्यक्रम में बदलाव करते हुए तारीखों को आगे बढ़ा दिया है। पहले यह तय किया गया था कि एसआईआर की ड्राफ्ट लिस्ट 31 दिसंबर 2025 को जारी की जाएगी, लेकिन अब इसे संशोधित कर 6 जनवरी 2026 कर दिया गया है। इसके बाद, आम जनता के लिए दावे और आपत्तियां दर्ज कराने की अवधि 6 जनवरी से 6 फरवरी तक निर्धारित की गई है। अंतिम और संशोधित वोटर लिस्ट 6 मार्च 2026 को जारी की जाएगी।
पारदर्शिता और त्रुटिमुक्त प्रक्रिया पर जोर
चुनाव आयोग इस बार वोटर लिस्ट को पूरी तरह से पारदर्शी और त्रुटिमुक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसके लिए प्रदेश में बड़े पैमाने पर छंटनी की जा रही है। 27 अक्टूबर 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में कुल 15.44 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर थे। जांच के बाद, लगभग 2.89 करोड़ लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाने की योजना बनाई गई है। इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने के लिए करीब 1.11 करोड़ मतदाताओं को नोटिस भी भेजे गए हैं। आयोग का लक्ष्य है कि चुनाव से पहले सूची एकदम सटीक हो।
नाम हटाने के कारण
जिन 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं, उनके पीछे कई कारण हैं। आंकड़ों के अनुसार, सबसे बड़ी संख्या उन लोगों की है जिन्होंने अपना पता बदल लिया है। लगभग 1.26 करोड़ मतदाता ऐसे हैं जो अब पुराने पते पर नहीं रहते या दूसरी जगह चले गए हैं। इसके अलावा, 83.73 लाख मतदाता लंबे समय से अपने पते पर अनुपस्थित हैं। 46 लाख ऐसे नाम भी सूची में हैं जिनका निधन हो चुका है। जांच में 23.70 लाख नाम ऐसे भी सामने आए हैं जो एक से अधिक स्थानों पर दर्ज थे, जबकि 9.57 लाख वोटरों के नाम अन्य तकनीकी कारणों से हटाए जा रहे हैं।
