उत्तर प्रदेश में सड़क विकास के लिए 212 करोड़ रुपये की मंजूरी

सड़क तंत्र को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम
उत्तर प्रदेश समाचार: यह उत्तर प्रदेश की इंफ्रास्ट्रक्चर विकास नीति के तहत एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक पहल है। इससे राज्य के 19 जिलों में सड़क नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने 375 सड़कों के निर्माण के लिए 212.02 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे गुणवत्ता बनाए रखें और कार्यों को समय पर पूरा करें। यह निर्णय सड़कों के निर्माण और विकास में पारदर्शिता लाने के लिए लिया गया है।
सड़क निर्माण के लिए धनराशि का आवंटन
राज्य के विभिन्न जिलों में सड़कों के निर्माण हेतु शासन ने 212.02 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। यह धनराशि बहराइच, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, आगरा, बाराबंकी, शाहजहांपुर, महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, अलीगढ़, हाथरस, सहारनपुर, मीरजापुर, प्रतापगढ़, देवरिया, बदायूं, भदोही और सोनभद्र की 375 सड़कों के सुधार के लिए उपयोग की जाएगी।
कार्ययोजना का समय पर निर्माण
कार्ययोजना समय पर तैयार की गई
इस बार, लोक निर्माण विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए कार्ययोजना समय पर तैयार की है। पिछले वित्तीय वर्ष में यह कार्ययोजना नहीं बन पाई थी। सितंबर तक कार्ययोजना को अप्रैल या मई में तैयार किया जा सकता था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग को फिर से कार्ययोजना बनानी पड़ी। उन्हें निर्देश दिया गया कि सड़कों के निर्माण के लिए जनप्रतिनिधियों की सिफारिश पर संबंधित जिलाधिकारी से प्रस्ताव मांगा जाए। इससे जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
सड़कों की गुणवत्ता पर जोर
सड़कों का निर्माण पारदर्शिता के साथ
मुख्यमंत्री का लक्ष्य है कि सड़कों के निर्माण में पूरी पारदर्शिता हो और सभी क्षेत्रों में विकास कार्यों पर ध्यान दिया जाए। इस बार, लोक निर्माण विभाग ने शासन को समय पर अपनी कार्ययोजना भेजी है। इसके परिणामस्वरूप, सड़कों के निर्माण की स्वीकृतियां और संबंधित धनराशि तेजी से मिल रही हैं। इस संदर्भ में, 19 जिलों में 375 सड़कों के निर्माण के लिए शासन ने आवश्यक धनराशि प्रदान की है। साथ ही, सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता से समझौता करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। सड़कों का निर्माण समय पर किया जाए, ताकि वर्षा से पहले क्षेत्र की अधिकतम सड़कें चकाचक हो सकें।