उत्तर प्रदेश में स्कूलों के मर्जर पर संसद में उठी आवाज़

स्कूलों के मर्जर का मुद्दा लोकसभा में
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में विद्यालयों के मर्जर का मुद्दा लोकसभा में चर्चा का विषय बना। समाजवादी पार्टी के सांसद नीरज मौर्य ने इस विषय को संसद में उठाया। उन्होंने कहा कि, उत्तर प्रदेश में स्कूलों को मर्जर के नाम पर बंद किया जा रहा है, जबकि दूसरी ओर शराब की दुकानों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
सपा सांसद नीरज मौर्य ने लोकसभा में कहा कि, डॉ. भीमराव आंबेडकर ने शिक्षा को महत्वपूर्ण बताया था, लेकिन उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों की स्थिति बेहद खराब है। उन्होंने याद दिलाया कि जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे, तब छात्रों को लैपटॉप दिए जा रहे थे, जबकि अब स्थिति यह है कि केवल शराब की दुकानें बढ़ रही हैं।
आज संसद में उत्तर प्रदेश में प्रदेश सरकार द्वारा विद्यालय मर्जर के नाम पर पाठशाला बंद किये जाने व दूसरी ओर मधुशाला की संख्या बढ़ाई जाने जैसे गंभीर मुद्दे को उठाया। व आंवला लोकसभा में केंद्रीय विद्यालय व नवोदय विद्यालय की स्थापना की मांग की pic.twitter.com/G5cw7pRlQg
— Neeraj Maurya MP (@NeerajMauryaMP) July 30, 2025
उन्होंने आगे कहा कि, हम आंवला लोकसभा क्षेत्र से हैं, जो एक ग्रामीण क्षेत्र है। यहां बच्चों की शिक्षा के लिए अच्छे स्कूलों की कमी है, जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है। वहीं, सरकार 'सब पढ़े सब बढ़ें' का नारा दे रही है, जबकि शिक्षा का अधिकार छीना जा रहा है।
सांसद नीरज मौर्य ने मांग की कि, यूपी में स्कूलों को बंद करने के बजाय, हमारे क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय की स्थापना की जाए, ताकि सभी को शिक्षा का अधिकार मिल सके।