उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में बड़ी कार्रवाई: डिप्टी सीएम ने अधिकारियों को किया निलंबित

डिप्टी सीएम की सख्त कार्रवाई
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग में महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। उन्होंने कानपुर नगर के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही मथुरा में पुलिस आरक्षी भर्ती प्रक्रिया के पैनल में शामिल एक आर्थोपेडिक सर्जन और एटा के जिला चिकित्सालय में तैनात चिकित्साधिकारी को भी निलंबित किया गया है। इन पर धन उगाही का आरोप लगाया गया है।
बृजेश पाठक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि कानपुर नगर के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने चीफ फार्मासिस्ट और वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी के साथ मिलकर वित्तीय अनियमितता की थी, जिसके चलते उन्हें निलंबित किया गया है। इसके अलावा, उन दोनों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, कानपुर नगर द्वारा चीफ फार्मासिस्ट एवं वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी के साथ मिलकर आर्थिक लाभ हेतु वित्तीय अनियमितता किए जाने संबंधी प्रकरण का संज्ञान होने पर मेरे द्वारा उक्त अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही संस्थित की गई…
— Brajesh Pathak (@brajeshpathakup) July 24, 2025
इसके अलावा, उन्होंने एक और पोस्ट में बताया कि मथुरा में पुलिस आरक्षी भर्ती प्रक्रिया के मेडिकल पैनल के सदस्यों पर आरोप है कि उन्होंने अभ्यर्थियों से धन वसूली की। इस मामले में भी संबंधित आर्थोपेडिक सर्जन और चिकित्साधिकारी को निलंबित किया गया है। प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य ने इस मामले में विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है।
उ०प्र० पुलिस आरक्षी भर्ती प्रकिया में गठित मेडिकल पैनल के सदस्य मेडिकल परीक्षण पास कराने के नाम पर अभ्यर्थियों से धन वसूली किये जाने हेतु जनपद-मथुरा के जिला चिकित्सालय में तैनात आर्थोपेडिक सर्जन एवं जनपद-एटा के जिला चिकित्सालय में चिकित्साधिकारी को निलम्बित कर दिया गया है। उक्त…
— Brajesh Pathak (@brajeshpathakup) July 24, 2025
उन्होंने यह भी बताया कि बदायूँ के जिला चिकित्सालय में तैनात एक वरिष्ठ चिकित्साधिकारी के खिलाफ भी गंभीर शिकायतें आई थीं। यह मामला विधानसभा में उठाया गया था, जिसके बाद मण्डलीय अपर निदेशक, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण द्वारा प्रारंभिक जांच की गई। जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।