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उत्तर प्रदेश सरकार का अग्निवीरों के लिए नया आरक्षण निर्णय

उत्तर प्रदेश सरकार ने अग्निवीरों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की है, जो पुलिस और पीएसी की भर्ती में लागू होगी। इस निर्णय का उद्देश्य अग्निवीरों को सशस्त्र बलों में सेवा का अवसर प्रदान करना है। इसके साथ ही, अन्नपूर्णा भवनों के निर्माण और होम स्टे नीति को भी मंजूरी दी गई है। जानें इस महत्वपूर्ण निर्णय के बारे में और अधिक जानकारी।
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उत्तर प्रदेश सरकार का अग्निवीरों के लिए नया आरक्षण निर्णय

अग्निवीरों के लिए आरक्षण की घोषणा

UP Government : उत्तर प्रदेश सरकार ने अग्निवीरों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यूपी पुलिस और पीएसी में भर्ती के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। यह निर्णय मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया।


कैबिनेट बैठक के बाद वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि भारत सरकार ने अग्निपथ योजना की शुरुआत की है, जो देशभक्त और प्रेरित युवाओं को सशस्त्र बलों (भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना) में सेवा का अवसर प्रदान करती है। इस योजना के तहत अग्निवीरों का पहला बैच 2026 में सेवा से बाहर आएगा, जिसमें 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सशस्त्र बलों में शामिल होने का मौका मिलेगा, जबकि 75 प्रतिशत अग्निवीर समाज की मुख्यधारा में पुनः शामिल होंगे।


पूर्व अग्निवीरों की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी, पीएसी, आरक्षी घुड़सवार और फायरमैन की सीधी भर्ती में 20 प्रतिशत पदों का आरक्षण दिया जाएगा। यह आरक्षण पूर्व अग्निवीरों को (4 साल की सेवा के बाद) क्षैतिज आरक्षण के तहत मिलेगा। इसके अलावा, अग्निवीरों की सेवा अवधि को भूतपूर्व सैनिकों की तरह घटाते हुए अधिकतम आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट दी जाएगी।


इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश में अन्नपूर्णा भवनों के निर्माण का प्रस्ताव भी मंजूर किया गया है। यह भवन उन राशन की दुकानों के लिए बनाए जाएंगे जो संकरी सड़कों पर स्थित हैं, ताकि ट्रक आसानी से पहुंच सकें। नए भवन में गोदाम और वितरण स्थल दोनों होंगे, और इसके लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। ये भवन मनरेगा के तहत बनाए जाएंगे।


इसके साथ ही, इन भवनों के रखरखाव की व्यवस्था भी की जाएगी। कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश होम स्टे नीति को भी मंजूरी दी गई है, जिसके तहत धार्मिक स्थलों पर होम स्टे की व्यवस्था की जाएगी। इसमें एक कमरे से लेकर छह कमरे (अधिकतम 12 बेड) तक की व्यवस्था होगी, जिससे श्रद्धालुओं को एक साथ सात दिन तक रुकने की सुविधा मिलेगी।