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उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्या मामले में फिर गरमाई राजनीति, भाजपा ने उठाई आवाज़

उत्तराखंड में 2022 के अंकिता भंडारी हत्या मामले को लेकर भाजपा ने एक बार फिर से आवाज उठाई है। दुष्यंत कुमार गौतम ने राज्य सरकार से सोशल मीडिया पर चल रहे विवादास्पद ऑडियो-वीडियो हटाने की मांग की है। इस मामले में उर्मिला सनावर नाम की महिला के वायरल वीडियो ने राजनीतिक हलचल को जन्म दिया है। कांग्रेस ने सीबीआई जांच की मांग की है, जबकि भाजपा ने इसे एक साजिश करार दिया है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ।
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उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्या मामले में फिर गरमाई राजनीति, भाजपा ने उठाई आवाज़

राजनीतिक हलचल का नया दौर


नई दिल्ली: उत्तराखंड में 2022 में हुए अंकिता भंडारी हत्या मामले को लेकर एक बार फिर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि सोशल मीडिया पर प्रसारित कुछ ऑडियो-वीडियो को हटाया जाए। उनका कहना है कि ये सामग्री झूठी और दुर्भावनापूर्ण है, जो उनकी छवि को नुकसान पहुँचाने की कोशिश कर रही है।


गौतम का पत्र और कार्रवाई की मांग

गुरुवार (25 दिसंबर) को, दुष्यंत गौतम ने गृह सचिव शैलेश बागोली को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने आग्रह किया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और समाचार चैनलों को निर्देश दिए जाएं कि ऐसी सामग्री को हटाया जाए और इसके आगे प्रसार को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।


उन्होंने उन प्लेटफॉर्म्स और चैनलों की सूची भी साझा की, जहां यह विवादास्पद सामग्री दिखाई दे रही है। गौतम ने इसे आपराधिक साजिश करार देते हुए कहा कि कुछ लोग फर्जी ऑडियो बनाकर नफरत फैला रहे हैं।


विवाद की उत्पत्ति

यह विवाद उर्मिला सनावर नामक महिला के वायरल वीडियो से शुरू हुआ, जिसमें वह खुद को हरिद्वार के पूर्व विधायक सुरेश राठौर की पत्नी बताती हैं। उनके वीडियो और कथित ऑडियो में यह आरोप लगाया गया कि 'गट्टू' नाम का व्यक्ति अंकिता हत्याकांड में शामिल था। अंकिता भंडारी एक रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थीं।


2022 में रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके साथियों ने यौन शोषण की मांग ठुकराने पर अंकिता की हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलकित को उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है।


विपक्ष और भाजपा की प्रतिक्रिया

कांग्रेस ने इन नए आरोपों की सीबीआई जांच की मांग की है और सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा या रिटायर्ड जज की निगरानी की भी इच्छा जताई है। दूसरी ओर, भाजपा ने उर्मिला सनावर को संदिग्ध पृष्ठभूमि वाली महिला बताया है। पूर्व विधायक सुरेश राठौर ने वीडियो को एआई द्वारा निर्मित फेक बताकर खारिज कर दिया है।


भाजपा का कहना है कि पुराने बंद केस को फिर से उछालकर एक साजिश की जा रही है। यह घटनाक्रम दर्शाता है कि कैसे पुराने मामले राजनीतिक हथियार बन जाते हैं। जांच एजेंसियों ने पहले ही इस केस को बंद कर दिया है, लेकिन सोशल मीडिया पर अफवाहें तेजी से फैल रही हैं।