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उद्धव और राज ठाकरे की ऐतिहासिक रैली: 20 साल बाद एक मंच पर

महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना घटी जब उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने 20 साल बाद एक मंच साझा किया। मुंबई के वर्ली डोम में आयोजित इस रैली में दोनों नेताओं ने हमेशा एक साथ रहने का वादा किया। यह रैली हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लागू करने के लिए दो सरकारी प्रस्तावों को रद्द करने की खुशी मनाने के लिए आयोजित की गई थी। जानें इस ऐतिहासिक रैली के प्रमुख बिंदुओं के बारे में।
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उद्धव और राज ठाकरे की ऐतिहासिक रैली: 20 साल बाद एक मंच पर

महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़


मुंबई में आयोजित एक संयुक्त रैली में, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने 20 साल बाद एक मंच साझा किया। इस रैली का आयोजन हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लागू करने के लिए दो सरकारी प्रस्तावों को रद्द करने की खुशी मनाने के लिए किया गया था।


रैली की शुरुआत में, उद्धव और राज ने एक-दूसरे को गले लगाया और अपने संबोधन में हमेशा एक साथ रहने का संकल्प लिया। राज ठाकरे ने कहा, "20 साल बाद हम एक साथ हैं और हमेशा रहेंगे।" उन्होंने यह भी कहा कि जो कार्य बालासाहेब ठाकरे नहीं कर पाए, वह देवेंद्र फडणवीस ने किया है।


उद्धव ठाकरे ने भी इस अवसर पर कहा कि वे एक साथ आए हैं और हमेशा साथ रहेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक मंच पर आने का उद्देश्य एकजुटता को दर्शाना है।