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उद्धव और राज ठाकरे की तस्वीर से गठबंधन की अटकलें तेज

उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की पुरानी तस्वीर ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। यह तस्वीर उस समय प्रकाशित हुई है जब उद्धव ठाकरे ने मनसे के साथ संभावित गठबंधन के संकेत दिए हैं। आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को देखते हुए, यह गठबंधन दोनों दलों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। ठाकरे बंधुओं के बीच राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, क्या वे एक बार फिर एक मंच पर नजर आएंगे? जानिए इस गठबंधन की संभावनाओं के बारे में।
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उद्धव और राज ठाकरे की तस्वीर से गठबंधन की अटकलें तेज

राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की पुरानी तस्वीर का राजनीतिक महत्व

मुंबई: शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र 'सामना' के फ्रंट पेज पर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की एक पुरानी तस्वीर प्रकाशित हुई है, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। यह तस्वीर उस समय सामने आई है जब उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के साथ संभावित गठबंधन के संकेत दिए हैं। आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के मद्देनजर, यह गठबंधन दोनों दलों के लिए रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि, गठबंधन की शर्तों और रूपरेखा पर अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है।


शुक्रवार को मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब उद्धव ठाकरे से मनसे के साथ गठबंधन के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के दिल में जो होगा वही होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनके और शिवसैनिकों के मन में कोई भ्रम नहीं है, और मनसे के नेताओं के मन में भी कोई भ्रम नहीं है। उन्होंने कहा कि वे कोई संदेश नहीं देंगे, बल्कि सीधे खबर देंगे।


इस तस्वीर और उद्धव के बयान ने शिवसेना (यूबीटी) और मनसे कार्यकर्ताओं में उत्साह भर दिया है, जबकि विरोधी दलों में भी हलचल मच गई है। अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि क्या ठाकरे बंधु फिर से एक मंच पर नजर आएंगे।


गठबंधन की चर्चा लंबे समय से चल रही थी, लेकिन हाल के घटनाक्रम ने इसे और मजबूती दी है। राज ठाकरे ने 2006 में शिवसेना से अलग होकर मनसे की स्थापना की थी, जिसके बाद दोनों भाइयों के बीच राजनीतिक और वैचारिक मतभेद बढ़ गए थे। हालांकि, महाराष्ट्र की बदलती राजनीतिक परिस्थितियों में दोनों दलों का एक साथ आना मराठी अस्मिता और क्षेत्रीय मुद्दों को मजबूती दे सकता है।


महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के वरिष्ठ नेता संदीप देशपांडे ने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच गठबंधन की चर्चाओं पर बात करते हुए कहा कि 2014 और 2017 में मनसे ने शिवसेना (उद्धव गुट) को गठबंधन का प्रस्ताव भेजा था, जिसमें वरिष्ठ नेता बाला नंदगांवकर मातोश्री गए थे, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि शिवसेना के कुछ नेता बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन असल में वे केवल 'ट्रेडमिल पर दौड़' रहे हैं, आगे नहीं बढ़ रहे। अगर वाकई गठबंधन करना है, तो खुलकर बात करें, पहेली न बनाएं।