उप राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग में गड़बड़ी का रहस्य

वोटिंग में अनियमितता का सवाल
यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है कि जब सभी विपक्षी दल एकजुटता का दावा कर रहे हैं और यह कह रहे हैं कि उनके सांसदों ने क्रॉस वोटिंग नहीं की, तो एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को 15 अतिरिक्त वोट कैसे प्राप्त हुए? उप राष्ट्रपति चुनाव में कुल 767 वैध वोट डाले गए, जिनमें से 452 वोट राधाकृष्णन को मिले, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले। इसके अलावा, 15 वोट अमान्य हो गए और 14 सांसद वोटिंग में अनुपस्थित रहे। यह एक बड़ा सवाल है कि इतने प्रशिक्षण के बाद भी कौन से 15 सांसद थे, जिन्होंने गलत तरीके से वोट दिया? एनडीए ने अपने सांसदों के लिए दो दिन की प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की थी, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल हुए। कांग्रेस ने भी सेंट्रल हॉल में मॉक पोलिंग कराई, फिर भी 15 सांसदों के वोट अमान्य हो गए। सभी दल यह जानने में जुटे हैं कि क्या जानबूझकर वोटिंग में गड़बड़ी की गई या यह अनजाने में हुई थी।
सांसदों की संख्या और असंबद्ध सदस्य
यह स्पष्ट है कि वोटिंग में गड़बड़ी करने वाले सांसद विपक्षी खेमे के हो सकते हैं या ऐसे सांसद जो दोनों गठबंधनों से दूरी बनाने का दावा करते हैं। ध्यान देने योग्य है कि एनडीए के पास दोनों सदनों में मिलाकर 427 सदस्य हैं, जबकि विपक्षी ‘इंडिया’ ब्लॉक के पास 315 सांसद हैं। यह संख्या मिलाकर 742 बनती है। वर्तमान में दोनों सदनों के सदस्यों की कुल संख्या 781 है, जिससे 39 सदस्य ऐसे हैं जो किसी गठबंधन से जुड़े नहीं हैं। इनमें से 11 सदस्यों वाली वाईएसआर कांग्रेस ने एनडीए उम्मीदवार का समर्थन किया, जिससे एनडीए की संख्या बढ़कर 438 हो गई।
गैरहाजिर सांसदों का वोट
क्या इन 15 असंबद्ध सदस्यों में से 14 का वोट एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को मिला? या इनमें से कुछ का वोट ‘इंडिया’ ब्लॉक के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को भी मिला? असदुद्दीन ओवैसी जैसे कुछ सांसदों का वोट निश्चित रूप से सुदर्शन रेड्डी को मिला। यदि कुछ अन्य असंबद्ध सदस्यों का वोट ‘इंडिया’ ब्लॉक को मिला, तो इसका मतलब है कि कुछ वोट एनडीए के खाते में भी गए। एनडीए को अपने सभी 427 वोट मिले, इसके अलावा वाईएसआर कांग्रेस के 11 वोट भी मिले। दूसरी ओर, ‘इंडिया’ ब्लॉक के 315 सांसदों में से केवल 300 का ही वोट मिला।
विपक्ष की स्थिति
विपक्ष इस बात से खुश है कि पिछले चुनाव में उसे केवल 25 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि इस बार उसे 40 प्रतिशत वोट मिले हैं। विपक्ष के नेता इस नजदीकी मुकाबले को लेकर संतुष्ट हैं और दावा कर रहे हैं कि इससे पहले ऐसा नजदीकी मुकाबला केवल एक बार हुआ था।