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उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: जेल में बंद सांसदों को मतदान की विशेष अनुमति

2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव में जेल में बंद सांसदों को मतदान की विशेष अनुमति दी गई है। आंध्र प्रदेश के सांसद पीवी मिधुन रेड्डी को अंतरिम जमानत मिली है, जबकि इंजीनियर राशिद को कड़ी सुरक्षा के बीच संसद लाया जाएगा। अमृतपाल सिंह डाक मतपत्र से मतदान करेंगे। यह व्यवस्था लोकतंत्र की मजबूती को दर्शाती है। जानें इस प्रक्रिया के बारे में और अधिक जानकारी।
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उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: जेल में बंद सांसदों को मतदान की विशेष अनुमति

उपराष्ट्रपति चुनाव में अनोखी स्थिति

2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव के संदर्भ में भारतीय राजनीति में एक विशेष स्थिति उत्पन्न हो रही है। इस बार कई सांसद, जो विभिन्न कारणों से जेल में हैं, उन्हें मतदान के लिए विशेष अनुमति दी गई है। कुछ सांसदों को अंतरिम जमानत मिली है, जबकि अन्य को कड़ी सुरक्षा के साथ संसद भवन लाया जाएगा। यह व्यवस्था न केवल लोकतंत्र की मजबूती को दर्शाती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि हर सांसद को अपने संवैधानिक अधिकार का उपयोग करने का अवसर मिले।


विशेष मतदान व्यवस्था

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस उपराष्ट्रपति चुनाव में कई सांसदों को जेल से मतदान के लिए विशेष व्यवस्था प्रदान की गई है। आंध्र प्रदेश के राजमपेट से वाईएसआरसीपी सांसद पीवी मिधुन रेड्डी को 6 से 11 सितंबर तक पांच दिन की अंतरिम जमानत मिली है। उन्हें आंध्र प्रदेश पुलिस ने 19 जुलाई को 3,200 करोड़ रुपये की कथित आबकारी अनियमितताओं के मामले में गिरफ्तार किया था। यह जमानत उन्हें मतदान का अधिकार देने के साथ-साथ लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी का अवसर भी प्रदान करती है।


इंजीनियर राशिद की कस्टडी परोल

इंजीनियर राशिद की कस्टडी परोल 

लोकसभा सांसद अब्दुल राशिद शेख, जिन्हें इंजीनियर राशिद के नाम से जाना जाता है, को दिल्ली की तिहाड़ जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच संसद भवन लाया जाएगा। अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के नेताओं ने बताया कि दिल्ली की एक अदालत ने जेल अधिकारियों को 9 सितंबर को राशिद को कस्टडी परोल पर रिहा करने का निर्देश दिया है।


अमृतपाल सिंह का डाक मतपत्र से मतदान

अमृतपाल सिंह: डाक मतपत्र से मतदान 

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान करेंगे। वारिस दे पंजाब के प्रवक्ता और उनके वकील एडवोकेट ईमान सिंह खारा ने बताया कि पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने जेल में बंद सांसद के लिए मतदान सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।


लोकतंत्र की मजबूती

लोकतंत्र की जीत 

यह पहली बार नहीं है कि जेल में बंद सांसदों को मतदान के लिए विशेष अनुमति दी गई है, लेकिन इस बार की व्यवस्था ने लोकतंत्र की मजबूती को एक बार फिर से रेखांकित किया है। अदालतों और जेल प्रशासन द्वारा की गई यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि सांसद अपने संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।