उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: तीन दलों के बहिष्कार से बदले समीकरण

उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 का बहिष्कार
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: तीन राजनीतिक दलों ने उपराष्ट्रपति चुनाव में भाग न लेकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है, जिससे चुनावी समीकरण भी प्रभावित हुए हैं। ओडिशा की बीजू जनता दल (BJD), तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति (BRS) और पंजाब के शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने चुनाव प्रक्रिया में भाग न लेने का निर्णय लिया है। इन दलों के बहिष्कार के बाद चुनाव जीतने के लिए आवश्यक समीकरण में बदलाव आ गया है।
फाइनल नंबर गेम
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में कुल 781 सांसदों को वोट देना था, जिसमें लोकसभा के 542 और राज्यसभा के 239 सांसद शामिल हैं। NDA गठबंधन के पास 425 सांसद हैं। YSR कांग्रेस के 11 सांसद भी BJP-NDA उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन का समर्थन कर रहे हैं, जिससे उनका समर्थन बढ़कर 436 हो गया है। विपक्षी दल कांग्रेस-INDIA ब्लॉक के पास 324 सांसद हैं। चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार को 391 वोट की आवश्यकता होगी।
हालांकि, बीजू जनता दल (BJD), भारत राष्ट्र समिति (BRS) और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के चुनाव बहिष्कार के कारण समीकरण बदल गया है। इन तीनों दलों के 12 सांसदों के वोट कम होने से अब कुल सांसदों की संख्या 769 रह गई है और चुनाव जीतने के लिए 386 वोट की आवश्यकता होगी। क्रॉस वोटिंग की संभावना के चलते वोटों की सही संख्या में कुछ बदलाव आ सकता है, लेकिन राधाकृष्णन को 100 से अधिक वोटों की बढ़त मिल रही है।
जगदीप धनखड़ का इस्तीफा
ज्ञात हो कि जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था। अगले दिन, 22 जुलाई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया। इस्तीफे में धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जल्द से जल्द रिलीव करने की मांग की थी। उनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक था, लेकिन अब उनके इस्तीफे के बाद पद खाली होने से समय से पहले चुनाव कराए जा रहे हैं। चुनाव के बाद देश को 17वें उपराष्ट्रपति का चयन होगा।