उपराष्ट्रपति चुनाव: क्या सीपी राधाकृष्णन की जीत तय है?

उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू
उपराष्ट्रपति चुनाव: मंगलवार को उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले मतदाता के रूप में अपनी पसंद का वोट डाला, और मतदान शाम 5 बजे तक जारी रहेगा। आज ही वोटों की गिनती होगी, जिसके बाद देश को नया उपराष्ट्रपति मिल जाएगा। यह सीट पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के कारण खाली हुई है।
भाजपा की रणनीति
भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत लगभग सुनिश्चित मानी जा रही है, लेकिन पार्टी पूरी तरह से सतर्क है। क्रॉस वोटिंग को रोकने और अपने सांसदों को एकजुट रखने के लिए भाजपा ने पहले से ही व्यापक तैयारी की है।
सांसदों का विभाजन
भाजपा ने अपने सांसदों को 10 जोन में बांट दिया है। हर जोन में एक सीनियर नेता को सांसदों की दिल्ली में निगरानी और वोटिंग सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
दक्षिण भारत के सांसद: केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी
उत्तर प्रदेश के सांसद: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल
अन्य महत्वपूर्ण ब्लॉक्स: शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर, अर्जुन मेघवाल और पांच अन्य नेताओं की जिम्मेदारी
एनडीए का बहुमत
दोनों सदनों में एनडीए के पास कुल 427 सांसद हैं। इसके अलावा, वाईएसआर कांग्रेस ने भी समर्थन की घोषणा की है। बीआरएस और बीजेडी इस चुनाव में मतदान से दूर रहेंगे, जिससे एनडीए के पक्ष में समीकरण और मजबूत हो रहे हैं।
पिछले चुनाव में जगदीप धनखड़ को 346 वोट मिले थे, जबकि इस बार सीपी राधाकृष्णन को इससे अधिक वोट मिलने की संभावना है। पार्टी अपने सभी सांसदों को राधाकृष्णन के पक्ष में मतदान करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
हर वोट पर निगरानी
भाजपा ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी वोट बेकार न जाए, प्रत्येक सांसद के साथ सीनियर नेताओं को रखा है। INDIA ब्लॉक के पास फिलहाल 315 वोट हैं, और आम आदमी पार्टी के 12 सांसदों में से कम से कम 11 का समर्थन राधाकृष्णन को मिलने की उम्मीद है।
पार्टी का लक्ष्य है कि मतदान के हर पल पर नजर रखी जाए और कोई भी वोट गलत दिशा में न जाए। इस रणनीति के तहत क्रॉस वोटिंग के खतरे को न्यूनतम किया जा रहा है।