उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए का उम्मीदवार: क्या विपक्षी एकता भाजपा को चुनौती दे पाएगी?

एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार की घोषणा की
राष्ट्रीय समाचार: एनडीए गठबंधन ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। भाजपा ने तमिलनाडु के अनुभवी नेता और वर्तमान महाराष्ट्र राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को चुनावी दौड़ में उतारा है। यह निर्णय पार्टी की रणनीति और संगठनात्मक ताकत को दर्शाता है। जैसे ही एनडीए ने अपने उम्मीदवार का नाम घोषित किया, विपक्षी खेमे में हलचल तेज हो गई। सूत्रों के अनुसार, डीएमके के राज्यसभा सांसद तिरुचि शिवा विपक्षी उम्मीदवार के रूप में सबसे आगे हैं। विपक्ष अब क्षेत्रीय समीकरणों को साधने में जुटा है।
विपक्ष की रणनीति
सूत्रों का कहना है कि विपक्ष दक्षिण भारत पर दांव लगाने की योजना बना रहा है। डीएमके नेता तिरुचि शिवा को उम्मीदवार बनाकर, विपक्ष भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश करेगा। यह चुनाव केवल एक पद का नहीं, बल्कि राजनीतिक ताकत का परीक्षण भी बन चुका है।
खड़गे के निवास पर बैठक
विपक्षी दलों ने उम्मीदवार के चयन के लिए एक बैठक बुलाई है। यह महत्वपूर्ण बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर पर आज शाम होगी। यहीं से तय होगा कि विपक्ष किस नेता को मैदान में उतारेगा और किस रणनीति के साथ आगे बढ़ेगा।
एनडीए का आत्मविश्वास
भाजपा ने सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाकर स्पष्ट कर दिया है कि वे चुनाव में पूरी ताकत के साथ उतरेंगे। राधाकृष्णन तमिलनाडु में भाजपा का एक प्रमुख चेहरा माने जाते हैं और संगठन में उनकी पकड़ भी मजबूत है। भाजपा को उम्मीद है कि वे आसानी से जीत हासिल करेंगे।
धनखड़ का इस्तीफा और चुनाव की स्थिति
यह चुनाव अचानक तब सामने आया जब मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया। हालांकि, राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि उनका इस्तीफा भाजपा नेतृत्व से मतभेदों के कारण हुआ। इसने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। विपक्ष ने इसे सरकार की आंतरिक खींचतान का परिणाम बताना शुरू कर दिया है।
सियासी माहौल में गर्मी
अब चुनावी मैदान पूरी तरह सज चुका है। एक ओर एनडीए का मजबूत उम्मीदवार है, जबकि दूसरी ओर विपक्ष अपनी रणनीति पर काम कर रहा है। सवाल यह है कि क्या विपक्षी एकता भाजपा को चुनौती दे पाएगी या एनडीए एक और जीत हासिल करेगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस चुनाव से आगामी लोकसभा समीकरणों का भी अंदाजा लगेगा।