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उपराष्ट्रपति चुनाव में बीजद और बीआरएस की अनुपस्थिति

भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद, आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव में बीजू जनता दल और भारत राष्ट्र समिति ने भाग न लेने का निर्णय लिया है। बीजद ने एनडीए और इंडिया गठबंधन से दूरी बनाए रखी है, जबकि बीआरएस ने चुनाव में नोटा के विकल्प की अनुपस्थिति के कारण भाग नहीं लेने का फैसला किया। जानें इन निर्णयों के पीछे के कारण और चुनाव की स्थिति के बारे में।
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उपराष्ट्रपति चुनाव में बीजद और बीआरएस की अनुपस्थिति

उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारी

नई दिल्ली। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अगस्त में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। अब इस पद के लिए मतदान 9 अगस्त को निर्धारित है। एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि इंडिया गठबंधन की ओर से सुदर्शन रेड्डी चुनावी मैदान में हैं। दोनों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। इस बीच, उपराष्ट्रपति चुनाव में बीजू जनता दल और बीआरएस ने भाग न लेने का निर्णय लिया है।


बीजू जनता दल के सांसद सस्मित पात्रा ने बताया कि पार्टी के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा के बाद यह निर्णय लिया है कि वे उपराष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं लेंगे। बीजद ने एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों से समान दूरी बनाए रखी है। पात्रा ने कहा कि उनकी पार्टी ओडिशा और उसके 4.5 करोड़ लोगों के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। बीजद का चुनाव से दूरी बनाने का एक कारण यह भी है कि नवीन पटनायक एनडीए के खिलाफ नहीं जाना चाहते और न ही किसी पक्ष में खड़े होना चाहते। पिछले उपराष्ट्रपति चुनाव में, बीजद ने एनडीए के उम्मीदवार को वोट दिया था।


बीआरएस का भी चुनाव में अनुपस्थित रहना

भारत राष्ट्र समिति ने भी उपराष्ट्रपति चुनाव में भाग न लेने का निर्णय लिया है। पार्टी ने सोमवार को यह जानकारी दी। बीआरएस के कार्यवाहक अध्यक्ष केटी रामाराव ने कहा कि चूंकि चुनाव में नोटा का विकल्प नहीं है, इसलिए पार्टी ने इससे दूर रहने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि बीआरएस ने उस गठबंधन को समर्थन देने की पेशकश की थी जो तेलंगाना को दो लाख टन यूरिया की आपूर्ति का आश्वासन देता है। चूंकि न तो एनडीए और न ही इंडिया ब्लॉक तेलंगाना के किसानों के लिए आवश्यक यूरिया लाने के लिए आगे आए, इसलिए पार्टी ने चुनाव से दूर रहने का निर्णय लिया है।