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उपराष्ट्रपति चुनाव में बीजेडी, बीआरएस और एसएडी का हिस्सा न लेने का निर्णय

ओडिशा की बीजू जनता दल, पंजाब की शिरोमणि अकाली दल, और तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति ने उपराष्ट्रपति चुनाव में भाग न लेने का निर्णय लिया है। इन दलों का कहना है कि वे किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेंगे। विश्लेषकों का मानना है कि इसका चुनावी गणित पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। जानें इन दलों के निर्णय के पीछे के कारण और चुनाव में मुख्य दावेदार कौन हैं।
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उपराष्ट्रपति चुनाव में बीजेडी, बीआरएस और एसएडी का हिस्सा न लेने का निर्णय

उपराष्ट्रपति चुनाव में भागीदारी से इनकार

ओडिशा की बीजू जनता दल (BJD), पंजाब की शिरोमणि अकाली दल (एसएडी), और तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने उपराष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है। इन पार्टियों ने इस चुनाव में किसी भी गठबंधन का हिस्सा न बनने का फैसला किया है।


चुनाव पर प्रभाव का आकलन

विश्लेषकों का मानना है कि इन दलों के निर्णय का चुनावी गणित पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार, सीपी राधाकृष्णन, जीत की ओर अग्रसर हैं।


बीजेडी का मतदान से परहेज

नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजेडी ने सोमवार को उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान न करने का निर्णय लिया। पार्टी ने अपनी पुरानी नीति का हवाला देते हुए कहा कि वह बीजेपी और कांग्रेस दोनों से समान दूरी बनाए रखेगी। यह निर्णय पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में लिया गया।


बीजेडी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद डॉ. सस्मित पात्रा ने कहा, “पार्टी ने उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहने का निर्णय लिया है... बीजेडी एनडीए और इंडी गठबंधन दोनों से समान दूरी बनाए रखता है। हमारा एकमात्र ध्यान ओडिशा के 4.5 करोड़ लोगों के विकास और कल्याण पर है।” 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेडी को कोई सीट नहीं मिली, लेकिन पार्टी के पास वर्तमान में सात राज्यसभा सांसद हैं।


बीआरएस का निर्णय: किसानों की समस्याएं

बीआरएस ने भी सोमवार को घोषणा की कि वह इस चुनाव में भाग नहीं लेगी। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने बताया कि यह निर्णय तेलंगाना में यूरिया की कमी सहित किसानों की समस्याओं के विरोध में लिया गया है। बीआरएस के पास चार राज्यसभा सांसद हैं, लेकिन लोकसभा में उसका कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।


एसएडी का मतदान से परहेज

शिरोमणि अकाली दल ने सोमवार शाम को घोषणा की कि वह उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहेगी। पार्टी ने पंजाब में बाढ़ आपदा को इसका कारण बताया। एसएडी के पास केवल एक सांसद, हरसिमरत कौर, हैं, जो पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हैं और 2024 के लोकसभा चुनाव में बठिंडा से जीती थीं।


मुख्य दावेदार कौन हैं?

तीन दलों के चुनाव से हटने के बाद, अब उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष के बी सुदर्शन रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला होगा। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में 781 सदस्य शामिल हैं, जिनमें 542 निर्वाचित लोकसभा सदस्य और 239 राज्यसभा सदस्य (233 निर्वाचित और 12 मनोनीत, जिसमें दोनों सदनों में छह रिक्तियां हैं) हैं। सभी वोटों का मूल्य समान है और मतदान गुप्त होता है। जीत के लिए 391 वोटों का बहुमत आवश्यक है।


उपराष्ट्रपति पद का खाली होना

उपराष्ट्रपति पद 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद खाली हुआ था। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन इस्तीफा दिया था।


विश्लेषकों की राय

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुकाबला दिलचस्प होगा, हालांकि एनडीए की संख्या बल दोनों सदनों में मजबूत है। फिर भी, क्रॉस-वोटिंग की संभावनाओं और परिणामों पर सभी की नजरें टिकी हैं।