Newzfatafatlogo

उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का नया रणनीतिक कदम: गैर-कांग्रेसी उम्मीदवार पर विचार

उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान 9 सितंबर को होने वाला है, और विपक्षी गठबंधन 'इंडी' इस बार एक गैर-कांग्रेसी उम्मीदवार को उतारने की योजना बना रहा है। इस रणनीति का उद्देश्य सभी विपक्षी दलों को एकजुट करना है ताकि भाजपा के खिलाफ एक मजबूत चुनौती पेश की जा सके। हाल ही में हुई एक बैठक में कई वरिष्ठ नेताओं ने इस पर चर्चा की। जानें इस चुनाव में क्या हो सकता है और विपक्ष की अगली रणनीति क्या होगी।
 | 
उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का नया रणनीतिक कदम: गैर-कांग्रेसी उम्मीदवार पर विचार

उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारी

नई दिल्ली: देश के उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान 9 सितंबर को होने वाला है, जिसके चलते राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। सत्ताधारी और विपक्ष दोनों अपने संभावित उम्मीदवारों पर विचार कर रहे हैं। इस बीच, विपक्षी गठबंधन 'इंडी' इस बार एक गैर-कांग्रेसी उम्मीदवार को मैदान में उतारने की योजना बना रहा है।


विपक्ष की एकता का प्रयास

सूत्रों के अनुसार, इस रणनीति का मुख्य उद्देश्य सभी विपक्षी दलों को एकजुट करना है, ताकि भाजपा के खिलाफ एक मजबूत चुनौती पेश की जा सके और मतों का विभाजन रोका जा सके। आम आदमी पार्टी के पास भी इस चुनाव में कम से कम 11 वोट हैं, जो परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं।


राहुल गांधी की बैठक में चर्चा

गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के निवास पर हुई डिनर बैठक में कई वरिष्ठ विपक्षी नेताओं ने भाग लिया। इस बैठक में उपराष्ट्रपति चुनाव पर गहन चर्चा हुई। इसमें सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे, फारूक अब्दुल्ला, अभिषेक बनर्जी, डेरेक ओ’ब्रायन और एमए बेबी जैसे 14 प्रमुख नेता शामिल थे।


पिछली गलतियों से सीख

बैठक में एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पिछले चुनाव में हुई गलतियों को नहीं दोहराना चाहिए। उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री मार्गरेट अल्वा का उदाहरण देते हुए बताया कि तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस के उम्मीदवार का समर्थन नहीं किया था, जिससे विपक्ष की एकता पर सवाल उठे थे।


तृणमूल कांग्रेस का संकेत

सूत्रों के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस ने इस बार अपना उम्मीदवार न उतारने का संकेत दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पहले ही मीडिया को बताया है कि उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए इंडी गठबंधन सामूहिक निर्णय लेगा।


गठबंधन की एकजुटता

गुरुवार की बैठक में अधिकांश नेताओं ने एकजुट होकर चुनाव में उतरने की राय दी। हालांकि, कुछ नेताओं ने यह भी कहा कि एनडीए के पास बहुमत है, इसलिए चुनाव केवल संख्या के आधार पर नहीं, बल्कि वैचारिक स्पष्टता और विपक्षी एकता के आधार पर लड़ा जाना चाहिए।


अगली बैठक की प्रतीक्षा

उम्मीदवार के नाम पर अंतिम निर्णय अगले कुछ दिनों में लिया जा सकता है। सभी की नजरें अब इंडी गठबंधन की अगली बैठक पर टिकी हुई हैं।