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उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की नैतिक जीत का दावा

भारत में उपराष्ट्रपति चुनाव के परिणाम ने सत्तारूढ़ दल को जीत दिलाई, लेकिन विपक्ष ने इसे नैतिक जीत का नाम दिया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बढ़े विपक्षी वोटों को सकारात्मक संकेत बताया है। एनडीए के सीपी राधाकृष्णन ने 452 वोटों के साथ जीत हासिल की, जबकि विपक्षी उम्मीदवार को 300 वोट मिले। रमेश का कहना है कि यह चुनाव विपक्ष की एकजुटता को दर्शाता है और भाजपा की जीत केवल आंकड़ों तक सीमित है। जानें इस चुनाव के नतीजों का क्या मतलब है और विपक्ष की रणनीति क्या होगी।
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उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की नैतिक जीत का दावा

उपराष्ट्रपति चुनाव के परिणाम

भारत में उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजों ने सत्ताधारी पार्टी को जीत दिलाई है, लेकिन विपक्ष ने इसे अपनी मजबूती का प्रमाण मानते हुए नैतिक जीत का नाम दिया है.


विपक्षी वोटों में वृद्धि

कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने पिछले चुनाव के आंकड़ों की तुलना करते हुए इस बार बढ़े विपक्षी वोटों को 'इंडिया गठबंधन' के लिए सकारात्मक संकेत बताया है। उन्होंने भाजपा की जीत को 'संख्यात्मक' करार दिया, जबकि इसे राजनीतिक और वैचारिक दृष्टि से हार बताया.


एनडीए उम्मीदवार की जीत

एनडीए की जीत


उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को हराया। राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए। कुल 767 सांसदों ने मतदान किया, जिनमें से 752 वोट वैध माने गए। यह परिणाम एनडीए के लिए जीत की पुष्टि करता है, जबकि विपक्ष ने इसे अपनी एकजुटता का प्रदर्शन बताया है.


जयराम रमेश का नैतिक जीत का दावा

नैतिक जीत का दावा


नतीजों के बाद, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि विपक्ष ने इस चुनाव में उम्मीद से अधिक मजबूती दिखाई है। उनके अनुसार, 2022 में विपक्ष को केवल 26 फीसदी वोट मिले थे, जबकि इस बार यह आंकड़ा 40 फीसदी तक पहुंच गया। रमेश का कहना है कि यह विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के लिए नैतिक और राजनीतिक जीत का संकेत है, जबकि भाजपा की जीत केवल अंकगणितीय है.


विपक्ष की एकजुटता पर जोर

एकजुटता का प्रदर्शन


जयराम रमेश ने यह भी कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव ने विपक्षी दलों की एकजुटता को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया है। उनके अनुसार, सभी 315 सांसदों ने मिलकर विपक्षी उम्मीदवार का समर्थन किया। हालांकि, परिणाम में विपक्ष को 300 वोट ही मिले, जो उनके दावे से कम हैं। फिर भी, कांग्रेस नेता ने इसे विपक्षी ताकत के उभरते स्वरूप के रूप में प्रस्तुत किया और कहा कि वैचारिक लड़ाई अभी जारी है.


भाजपा पर राजनीतिक हमला

भाजपा पर वार


रमेश ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव का परिणाम दर्शाता है कि सत्ता पक्ष की जीत केवल आंकड़ों तक सीमित है। उन्होंने इसे 'नैतिक और राजनीतिक हार' बताते हुए दावा किया कि जनता और विपक्ष दोनों ही अब भाजपा की नीतियों को चुनौती दे रहे हैं। उनका कहना है कि विपक्ष अब पहले से अधिक मजबूत होकर सामने आ रहा है और आने वाले समय में यह भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती बनेगा.