उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: क्या है इसके पीछे की सच्चाई?

उपराष्ट्रपति का अचानक इस्तीफा
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: संसद के मानसून सत्र के पहले दिन, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया। उनके इस निर्णय ने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है। स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए, धनखड़ ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंपा, लेकिन विपक्षी दलों को इस कदम के पीछे कुछ और ही नजर आ रहा है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का मानना है कि यह निर्णय उतना सीधा नहीं है जितना प्रतीत होता है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि इस्तीफे का समय बेहद चौंकाने वाला है, खासकर जब उपराष्ट्रपति उसी दिन संसद में महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल थे।
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति का अचानक इस्तीफा जितना चौंकाने वाला है, उतना ही अकल्पनीय भी है। आज शाम करीब 5 बजे तक मैं उनके साथ था, वहां कई अन्य सांसद भी साथ थे, और शाम 7:30 बजे मेरी उनसे फोन पर बातचीत भी हुई थी।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 21, 2025
निःसंदेह, श्री जगदीप धनखड़ को अपने स्वास्थ्य को सर्वोच्च…
इस्तीफे की समय सीमा पर सवाल
धनखड़ ने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन इस्तीफा दिया, जो राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण समय है। जयराम रमेश ने कहा, "आज सुबह मेरी उनसे बातचीत हुई थी। उन्होंने बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक भी बुलाई थी। ऐसे में उनका अचानक इस्तीफा देना सवाल खड़े करता है।" उन्होंने स्पष्टता और पारदर्शिता की मांग की।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि वे धनखड़ को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाएं, जिससे देशहित में लाभ होगा।
अन्य दलों की प्रतिक्रिया
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के सांसद पी संतोश कुमार ने कहा कि यह निर्णय अप्रत्याशित है और इसकी असली वजह स्पष्ट नहीं है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता आनंद दुबे ने भी इस पर हैरानी जताई।
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने धनखड़ को देशभक्त बताते हुए कहा कि यदि स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया गया है, तो इसे स्वीकार करना चाहिए। एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने भी उनके स्वास्थ्य के लिए शुभकामनाएं दीं।