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उमंग सिंघार का आदिवासी पहचान पर विवादास्पद बयान

मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने हाल ही में एक विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि 'आदिवासी हिंदू नहीं हैं।' इस बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। सिंघार ने अपने बयान का उद्देश्य किसी धर्म का अपमान करना नहीं बताया और आदिवासी संस्कृति की मान्यता की आवश्यकता पर जोर दिया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। जानें इस मुद्दे की पूरी कहानी और इसके राजनीतिक प्रभाव के बारे में।
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उमंग सिंघार का आदिवासी पहचान पर विवादास्पद बयान

उमंग सिंघार का विवादास्पद बयान

उमंग सिंघार आदिवासी पहचान विवाद: मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने हाल ही में एक बयान देकर विवाद उत्पन्न कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि 'आदिवासी हिंदू नहीं हैं।' इस पर सत्तारूढ़ भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। छिंदवाड़ा में आदिवासी विकास परिषद के एक कार्यक्रम में बोलते हुए, सिंघार ने कहा, 'मैं गर्व से कहता हूं कि हम आदिवासी हैं, हिंदू नहीं। यह बात मैं कई वर्षों से कहता आ रहा हूं। शबरी, जो भगवान राम को बचा हुआ अन्न खिलाने वाली थीं, वह भी आदिवासी थीं।'


धर्म का सम्मान

सिंघार, जो मध्य प्रदेश के सबसे बड़े आदिवासी समुदाय भील से चार बार के कांग्रेस विधायक हैं, ने स्पष्ट किया कि उनका बयान किसी धर्म का अपमान करने के लिए नहीं था। उन्होंने कहा, 'हम किसी भी धर्म का अनादर नहीं करते। लेकिन हमारे समुदाय, हमारी परंपराओं, हमारी संस्कृति और हमारी विरासत को मान्यता मिलनी चाहिए।' उन्होंने यह भी कहा कि चाहे कोई भी पार्टी सत्ता में हो, आदिवासियों को सम्मान मिलना चाहिए।


मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री मोहन यादव की कड़ी टिप्पणी: सिंघार के बयान पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कांग्रेस से माफी मांगने को कहा। यादव ने एक वीडियो बयान में कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस हमेशा हिंदुओं और हिंदुत्व के खिलाफ काम करती है। उन्हें शर्म आनी चाहिए। यदि वे हिंदुत्व पर सवाल उठाएंगे, तो जनता माफ नहीं करेगी।'


सिंघार का पलटवार

सिंघार ने भाजपा और आरएसएस पर आरोप लगाया कि वे आदिवासी पहचान को हिंदू धर्म में समाहित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'इस देश के मूल निवासी आदिवासी हैं। भाजपा या आरएसएस हमें प्रकृति की पूजा करने से क्यों रोकना चाहते हैं? हम किसी धर्म का अपमान नहीं कर रहे हैं। मैं हिंदू धर्म का सम्मान करता हूं, लेकिन जब आदिवासियों की बात आती है, तो भाजपा अपना एजेंडा लागू करना चाहती है।'


आरएसएस प्रमुख पर सवाल

सिंघार ने आदिवासी सशक्तिकरण के प्रति सत्तारूढ़ पार्टी की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाते हुए पूछा कि किसी आदिवासी व्यक्ति को आरएसएस प्रमुख क्यों नहीं बनाया गया। उन्होंने कहा, 'भाजपा आदिवासियों के वोट लेना चाहती है, लेकिन जब उनके धर्म, संस्कृति और समाज की बात आती है, तो वे आरोप लगाने लगते हैं। भाजपा और आरएसएस के लोग हमारी पहचान मिटाकर हमें हिंदू क्यों बनाना चाहते हैं?'


समुदाय पर प्रभाव

सिंघार एक प्रभावशाली भील नेता हैं, जिनका उस समुदाय पर गहरा प्रभाव है, जो राज्य की कुल जनजातीय आबादी का 39 प्रतिशत है। मध्य प्रदेश, जो भारत की सबसे बड़ी आदिवासी आबादी वाला राज्य है, पहचान की राजनीति का एक प्रमुख केंद्र है। 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य में 1.53 करोड़ से अधिक आदिवासी रहते हैं, जो इसकी कुल आबादी का लगभग 21 प्रतिशत हैं। 230 विधानसभा सीटों में से 47 अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं।