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उमर अब्दुल्ला का सिग्नेचर कैंपेन: जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने की कोशिश

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्वतंत्रता दिवस पर एक महत्वपूर्ण सिग्नेचर कैंपेन की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य राज्य को उसका खोया हुआ दर्जा दिलाना है। उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें उनका हक नहीं मिलता, तब तक वे चुप नहीं बैठेंगे। इस कैंपेन के तहत मंत्री स्वयं जनता के पास जाकर साइन कराएंगे। जानें इस पहल के पीछे की सोच और उमर अब्दुल्ला के विचार।
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उमर अब्दुल्ला का सिग्नेचर कैंपेन: जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने की कोशिश

उमर अब्दुल्ला का नया कैंपेन

उमर अब्दुल्ला: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक नई पहल की घोषणा की। उन्होंने कहा कि 'जब तक हमें हमारा हक नहीं मिलेगा, तब तक हम चुप नहीं बैठेंगे। अगर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं दिया गया, तो हम घर-घर जाकर सिग्नेचर कैंपेन शुरू करेंगे।' यह नाराजगी श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस के संबोधन के दौरान स्पष्ट रूप से देखी गई। उन्होंने कहा कि अब सीधे जनता से संवाद किया जाएगा।


सिग्नेचर कैंपेन का प्रारंभ

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा न दिए जाने पर सरकार के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि 'अब खत लिखने का समय नहीं है, अब केवल जनता से बात की जाएगी। इसके लिए हम घर-घर जाकर सिग्नेचर कैंपेन शुरू करेंगे।'


आवाज केंद्र सरकार तक पहुंचेगी

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि 'यह कैंपेन बड़े पैमाने पर चलाया जाएगा। मंत्री स्वयं लोगों के पास जाकर साइन कराएंगे। जनता की आवाज केंद्र सरकार तक पहुंचेगी।' उन्होंने आर्टिकल 370 के हटने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि 'इन 6 वर्षों में बहुत कुछ बदल गया है। जम्मू-कश्मीर अब एक केंद्र शासित प्रदेश है। 370 हटाने के बाद हमारा झंडा और संविधान हमसे छीन लिया गया। अब राज्य का दर्जा मिलना केवल एक सपना बनकर रह गया है।'