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उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के राज्य दर्जे को बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने की योजना बनाई

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जाने की योजना बनाई है। उन्होंने इस मुद्दे पर कानूनी सलाह ली है और कहा है कि केंद्र सरकार को अपने वादे को पूरा करना चाहिए। उमर ने भाजपा से किसी भी प्रकार के समझौते से इनकार किया है और विकास कार्यों में तेजी लाने की बात की है। आगामी राज्यसभा चुनावों पर भी उन्होंने चर्चा की, जिसमें भाजपा के समर्थन पर सवाल उठाए।
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उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के राज्य दर्जे को बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने की योजना बनाई

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का सुप्रीम कोर्ट में जाने का विचार

श्रीनगर में, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जाने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में कानूनी सलाह भी ली है। शनिवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, उमर ने कहा कि वे इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक पक्ष बनने की संभावना पर विचार कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने जम्मू कश्मीर और दिल्ली के प्रमुख वकीलों से चर्चा की है।


राज्य का दर्जा बहाल करने की आवश्यकता

उमर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया, 'मैंने जम्मू कश्मीर और दिल्ली में वरिष्ठ वकीलों से इस मामले में एक पक्ष बनने के बारे में चर्चा की है। मुझे नहीं लगता कि केंद्र शासित प्रदेश होने के कारण हमें कोई नुकसान नहीं उठाना चाहिए, यह बात मुझसे बेहतर कोई और नहीं समझता।' उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल करना चाहिए।


भाजपा से कोई समझौता नहीं

उमर अब्दुल्ला ने अपनी सरकार के एक साल पूरे होने पर कहा कि वे राज्य का दर्जा बहाल कराने के लिए भाजपा से कोई समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने याद दिलाया कि अनुच्छेद 370 हटाने के समय संसद में तीन कदम बताए गए थे: सीमांकन, चुनाव और अंत में राज्य का दर्जा। सीमांकन और चुनाव हो चुके हैं, लेकिन राज्य का दर्जा अब तक नहीं मिला। उन्होंने केंद्र सरकार से अपने वादे को पूरा करने की मांग की।


विकास कार्यों पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक साल में उनकी सरकार ने विकास कार्यों को तेज किया है, लेकिन राज्य का दर्जा न होने के कारण कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उमर ने 24 अक्टूबर को होने वाले राज्यसभा चुनावों पर भी चर्चा की और कहा कि यह चुनाव दिखाएगा कि कौन भाजपा का समर्थन कर रहा है। उन्होंने सज्जाद लोन से सवाल किया कि उन्होंने भाजपा की मदद क्यों की। उमर ने कहा कि राज्य के लोगों को भाजपा की हार की सजा नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य का दर्जा मिलने के बाद लोक सुरक्षा कानून (पीएसए) को समाप्त कर दिया जाएगा, जो लोगों की स्वतंत्रता पर रोक लगाता है।