एक राष्ट्र, एक चुनाव: संयुक्त संसदीय समिति की महत्वपूर्ण बैठक

संयुक्त संसदीय समिति की बैठक का आयोजन
देश में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की महत्वाकांक्षी योजना पर चर्चा करने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक 30 जुलाई को आयोजित की जाएगी। इस बैठक का उद्देश्य इस प्रस्ताव के विभिन्न पहलुओं पर विचार करना और विशेषज्ञों से राय लेना है। इसमें देश के प्रमुख अर्थशास्त्री और नीति निर्माता अपनी विशेषज्ञता साझा करेंगे।
विशेषज्ञों की भागीदारी
विशेषज्ञों की भागीदारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में पूर्व राज्यसभा सदस्य और पंद्रहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन.के. सिंह अपनी विशेषज्ञ राय प्रस्तुत करेंगे। सिंह, जो पहले योजना आयोग के सदस्य, राजस्व सचिव और पूर्व प्रधानमंत्री के सचिव रह चुके हैं, ने कहा, "एक राष्ट्र, एक चुनाव न केवल प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाएगा, बल्कि आर्थिक संसाधनों का बेहतर उपयोग भी सुनिश्चित करेगा।" उनके साथ अशोका विश्वविद्यालय के इसाक सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी की प्रमुख और अर्थशास्त्र की प्रोफेसर डॉ. प्राची मिश्रा भी समिति के समक्ष अपने विचार रखेंगी।
एक राष्ट्र, एक चुनाव का महत्व
एक राष्ट्र, एक चुनाव का महत्व
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का विचार देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह प्रस्ताव न केवल चुनावी खर्च को कम करने में मदद करेगा, बल्कि नीति निर्माण में निरंतरता और स्थिरता भी लाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रणाली मतदाताओं के बीच भ्रम को कम करेगी और सरकारों को विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का अवसर प्रदान करेगी।
आगे की राह
आगे की राह
जेपीसी की यह बैठक इस प्रस्ताव के कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों और समाधानों पर गहन चर्चा का मंच प्रदान करेगी। विशेषज्ञों की राय और समिति की सिफारिशें इस दिशा में नीति निर्माण को और मजबूत करेंगी।