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एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के लिए सीपी राधाकृष्णन का नाम घोषित

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के लिए सीपी राधाकृष्णन का नाम घोषित किया है। राधाकृष्णन, जो वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं, का राजनीतिक सफर काफी रोचक रहा है। उन्होंने आरएसएस से अपने करियर की शुरुआत की और कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। जानें उनके बारे में और इस महत्वपूर्ण घोषणा के पीछे की कहानी।
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एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के लिए सीपी राधाकृष्णन का नाम घोषित

सीपी राधाकृष्णन होंगे एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार

नई दिल्ली - भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा की है। नड्डा ने बताया कि एनडीए का उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन होंगे, जो वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। उन्होंने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमने एनडीए में शामिल सभी दलों से चर्चा की और उनके सुझाव भी लिए। सभी ने सीपी राधाकृष्णन के नाम पर सहमति जताई।”


सीपी राधाकृष्णन, जो तमिलनाडु के निवासी हैं, वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद पर कार्यरत हैं। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी उनके नाम का समर्थन किया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “उपराष्ट्रपति के एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को हमारा पूरा समर्थन है। हम सड़क से लेकर सदन तक एनडीए के साथ हैं।” उल्लेखनीय है कि चंद्रपुर पोन्नुसामी राधाकृष्णन को 31 जुलाई 2024 को महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था। इससे पहले, उन्होंने झारखंड के राज्यपाल के रूप में लगभग डेढ़ साल तक कार्य किया था।


इसके अतिरिक्त, वे तेलंगाना के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का कार्यभार भी संभाल चुके हैं। 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में जन्मे सीपी राधाकृष्णन ने 1974 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। वह भारतीय जनसंघ के राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य भी रहे। 1996 में, उन्हें भाजपा तमिलनाडु का सचिव नियुक्त किया गया। इसके बाद, 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए। 2004 में, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में संसदीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में भाषण दिया और ताइवान की पहली संसदीय यात्रा में भी शामिल हुए। वह 2004 से 2007 तक भाजपा तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष रहे और 2020 से 2022 तक भाजपा केरल के अखिल भारतीय प्रभारी रहे। इसके बाद, 18 फरवरी 2023 को झारखंड के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किए गए थे।