एयर इंडिया पर डीजीसीए की कार्रवाई: तीन अधिकारियों को हटाया गया

डीजीसीए की कार्रवाई
नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयर इंडिया के खिलाफ क्रू शेड्यूलिंग प्रोटोकॉल में गंभीर खामियों के चलते कड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के तहत तीन वरिष्ठ अधिकारियों को रोस्टरिंग विभाग से तुरंत हटा दिया गया है। एयरलाइन ने शनिवार को इस निर्देश को स्वीकार कर लिया और इसे लागू करने की पुष्टि की।
अधिकारियों की जिम्मेदारियां
डीजीसीए ने एयर इंडिया को निर्देश दिया है कि वह क्रू शेड्यूलिंग और रोस्टरिंग से संबंधित सभी जिम्मेदारियों से इन तीन अधिकारियों को हटा दे।
उल्लंघनों की पहचान
विमानन नियामक ने एक औपचारिक निर्देश में कहा कि ये अधिकारी अनधिकृत और गैर-अनुपालन वाले क्रू पेयरिंग, अनिवार्य लाइसेंसिंग आवश्यकताओं के उल्लंघन और फ्लाइट क्रू रीसेंसी मानदंडों का पालन न करने के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।
सिस्टम की विफलता
डीजीसीए ने इसे शेड्यूलिंग प्रक्रियाओं और पर्यवेक्षी निरीक्षण में एक बड़ी विफलता बताया है।
एयर इंडिया की प्रतिक्रिया
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी इस दौरान इंटीग्रेटेड ऑपरेशंस कंट्रोल सेंटर (आईओसीसी) पर निगरानी रखेंगे।
सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन
एयर इंडिया ने यह भी कहा कि वह सुरक्षा प्रोटोकॉल और मानक प्रथाओं का पालन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अनुशासनात्मक कार्रवाई
डीजीसीए के अनुसार, ये तीनों अधिकारी क्रू रोस्टरिंग में गंभीर और बार-बार होने वाली चूक के लिए जिम्मेदार रहे हैं। उन्होंने कहा कि इनके खिलाफ 10 दिनों के भीतर आंतरिक अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।
एयर इंडिया की चुनौतियाँ
एयर इंडिया, जो वर्तमान में एआई 171 बोइंग 787 ड्रीमलाइनर दुर्घटना से जूझ रही है, कड़ी आलोचनाओं का सामना कर रही है। इस दुर्घटना में 241 यात्रियों और क्रू मेंबर्स सहित लगभग 270 लोगों की जान गई थी।
सीबीआई जांच की मांग
एविएशन इंडस्ट्री एम्प्लॉईज गिल्ड (एआईईजी) ने पिछले साल तकनीकी खराबी की सूचना देने के लिए एयरलाइन द्वारा दो केबिन क्रू सदस्यों को बर्खास्त करने की सीबीआई जांच की मांग की है।
गंभीर विषय
एआईईजी के महासचिव जॉर्ज अब्राहम ने कहा कि दो केबिन क्रू सदस्यों की बर्खास्तगी की सीबीआई जांच की मांग की गई है, क्योंकि ड्रीमलाइनर 787 विमान में तकनीकी खराबी की सूचना देने के बाद बयान बदलने का दबाव डालकर नौकरी से निकालना एक गंभीर मुद्दा है।