एयर इंडिया विमान दुर्घटना: लंदन शवगृह में विषाक्तता का मामला
ब्रिटेन में शवों के साथ विषाक्त पदार्थों का संपर्क
एयर इंडिया के एक विमान के अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद, लंदन के शवगृह के कर्मचारियों को 'खतरनाक रूप से उच्च' स्तर के विषाक्त पदार्थों का सामना करना पड़ा। यह जानकारी एक वरिष्ठ कोरोनर ने दी।
प्रोफेसर फियोना विलकॉक्स, जो कि 12 जून को हुए इस हादसे में मारे गए 53 ब्रिटिश नागरिकों की मौत की जांच कर रही हैं, ने मंगलवार को 'भविष्य में मौतों की रोकथाम संबंधी रिपोर्ट' जारी की।
रिपोर्ट में बताया गया है कि लंदन के वेस्टमिंस्टर सार्वजनिक शवगृह में लाए गए शवों में फॉर्मलिन की अत्यधिक मात्रा पाई गई, जो कि एक अत्यधिक विषाक्त पदार्थ है और श्वसन तंत्र में गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
डॉ. विलकॉक्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'अभी तक किसी भी मृत्यु-जांच की सुनवाई शुरू नहीं हुई है। यह रिपोर्ट विनियम 28 के तहत मेरे दायित्व के आधार पर तैयार की गई है। जिन शवों को ब्रिटेन लाया गया, उन्हें जिस तरीके से संरक्षित किया गया, उसने शवगृह में काम करने वाले सभी लोगों के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर दिया।'
उन्होंने आगे कहा, 'फॉर्मलिन का स्तर अत्यंत खतरनाक था और शवगृह में कार्बन मोनोक्साइड और सायनाइड भी खतरनाक मात्रा में पाए गए। यह स्थिति तब उत्पन्न हुई जब ताबूत खोले गए और विदेश से लाए गए मृतकों के शवों की पट्टियां हटाई गईं।'
डॉ. विलकॉक्स ने यह भी बताया कि शवगृहों में फॉर्मलिन से होने वाले स्वास्थ्य खतरों के प्रति जागरूकता की कमी है, जो कि वहां काम करने वाले सभी लोगों के लिए खतरा है।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि एयर इंडिया का विमान उड़ान भरने के 32 सेकंड बाद 600 फुट की ऊंचाई से गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में कुल 242 लोगों में से एक को छोड़कर सभी की मौत हो गई।
कोरोनर ने भविष्य में होने वाली मौतों को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का आह्वान किया है और ब्रिटेन के स्वास्थ्य एवं सामाजिक देखभाल तथा स्थानीय सरकार विभागों से 56 दिनों के भीतर जवाब देने की अपेक्षा की है।
ब्रिटिश सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा, 'इस हादसे में मारे गए सभी लोगों के परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं हैं। यह एक बेहद चौंकाने वाला मामला है। हम भविष्य में होने वाली मौतों की रोकथाम से जुड़ी सभी रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देंगे और उनसे सीखेंगे।'
