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एलन मस्क की नई राजनीतिक पार्टी: अमेरिका पार्टी के सामने चुनौतियों का सामना

एलन मस्क ने हाल ही में अमेरिका पार्टी की स्थापना की है, जिसका उद्देश्य अमेरिका के 80% मध्यम वर्ग का प्रतिनिधित्व करना है। हालांकि, इस नई पार्टी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जैसे कि संस्थागत बाधाएं, बैलट नियम, और राजनीतिक सहयोगियों की कमी। मस्क की रणनीति अगले साल के मिडटर्म चुनावों पर केंद्रित है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। जानें अमेरिका पार्टी के सामने खड़ी प्रमुख अड़चनों के बारे में इस लेख में।
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एलन मस्क की नई राजनीतिक पार्टी: अमेरिका पार्टी के सामने चुनौतियों का सामना

एलन मस्क की अमेरिका पार्टी का आगाज़

एलन मस्क की अमेरिका पार्टी: दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति एलन मस्क ने शनिवार को अमेरिका में एक नई राजनीतिक पार्टी की स्थापना की घोषणा की है, जिसे अमेरिका पार्टी नाम दिया गया है। मस्क का दावा है कि यह पार्टी अमेरिका के 80% मध्यम वर्ग का प्रतिनिधित्व करेगी, जिसे मौजूदा दो-पार्टी प्रणाली में अनदेखा किया गया है। ट्रंप से दूरी बनाने और हाल के टैक्स-खर्च बिल के प्रति असंतोष के चलते मस्क ने यह कदम उठाया है।


संस्थागत बाधाएं और बैलट नियम

अमेरिका की चुनाव प्रणाली विजेता-सभी (winner-take-all) सिद्धांत पर आधारित है, जो तीसरी पार्टियों के लिए बहुत कठिनाई पैदा करती है। जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हैंस नोएल के अनुसार, "अमेरिका का संस्थागत ढांचा बहुदलीय सफलता के लिए अनुकूल नहीं है। आपको पूरी जीत चाहिए होती है, अन्यथा कुछ नहीं मिलता।" इसके अलावा, यदि मस्क विभिन्न राज्यों में फेडरल कैंडिडेट उतारना चाहते हैं या भविष्य में राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार खड़ा करना चाहते हैं, तो उन्हें हर राज्य के अलग-अलग सख्त बैलट नियमों का पालन करना होगा। ड्यूक यूनिवर्सिटी के मैक मैककॉर्कल का कहना है, "बैलट पर जगह पाना बेहद कठिन होगा, हालांकि मस्क के पास इतना पैसा है कि वे यह कर सकें।"


ऐतिहासिक रुझान और पिछली असफलताएं

अमेरिका में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टियों के बाहर की पार्टियों का राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव बहुत सीमित रहा है। 1968 में जॉर्ज वॉलेस आखिरी गैर-मुख्यधारा उम्मीदवार थे, जिन्हें कुछ राज्यों में जीत मिली थी। रॉस पेरॉट ने 1992 में 19% वोट हासिल किए लेकिन एक भी इलेक्टोरल वोट नहीं मिला। राल्फ नेडर की ग्रीन पार्टी ने 2000 में सुर्खियां बटोरी थीं, लेकिन वे भी जीरो इलेक्टोरल वोट पर सिमट गए। मौजूदा स्वतंत्र नेताओं जैसे बर्नी सैंडर्स और एंगस किंग भी डेमोक्रेट्स के साथ मिलकर काम करते हैं, जो दर्शाता है कि स्वतंत्र राजनीति की सीमाएं कितनी सख्त हैं।


रणनीति और दायरा

मस्क ने X पर लिखा कि वे अगले साल होने वाले मिडटर्म चुनावों को निशाना बनाएंगे। उन्होंने अपनी रणनीति की तुलना यूनानी जनरल एपामिनोंडास से की, जो सीमित ताकत को रणनीतिक रूप से तैनात कर जीत हासिल करते थे। मस्क की योजना है कि कुछ खास सीटों पर ध्यान केंद्रित कर वे अमेरिकी संसद में प्रभावी भूमिका निभा सकें। हालांकि, प्रोफेसर मैककॉर्कल का मानना है कि मस्क के उम्मीदवार जीत नहीं पाएंगे, लेकिन वे चुनावों में स्पॉइलर की भूमिका निभा सकते हैं, खासकर बैटलग्राउंड स्टेट्स में रिपब्लिकन वोट काट सकते हैं।


टारगेट वोटर्स में मतभेद

मस्क का कहना है कि वह बीच के 80 फीसदी मतदाताओं को जोड़ना चाहते हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह वर्ग बहुत अस्पष्ट और बिखरा हुआ है। प्रोफेसर नोएल का कहना है, "लोग पार्टियों से नाखुश हैं, लेकिन उनके पास किसी तीसरे विकल्प के लिए कोई ठोस और संगठित विचारधारा नहीं है। मस्क किस वर्ग को टारगेट कर रहे हैं, यह स्पष्ट नहीं है।"


राजनीतिक सहयोगियों की कमी

ट्रंप और रिपब्लिकन नेताओं से दूरी बनाने के बाद मस्क के राजनीतिक प्रभाव में कमी आई है। ट्रंप के करीबी जेम्स फिशबैक पहले ही एक सुपर PAC बना चुके हैं, जिसका मकसद मस्क की राजनीतिक योजनाओं को विफल करना है। प्रोफेसर नोएल का कहना है कि केवल पैसे से पार्टी खड़ी नहीं होती, इसके लिए समर्पित कार्यकर्ता, समर्थक और वोटर बेस चाहिए होता है। आप इसे खरीद नहीं सकते, नोएल ने कहा। फिलहाल मस्क को थॉमस मैसी जैसे कुछ ही राजनेताओं का साथ मिल रहा है।


धैर्य की परीक्षा

प्रोफेसर मैककॉर्कल को शक है कि मस्क के पास इतनी लंबी राजनीतिक लड़ाई लड़ने का धैर्य है। उन्हें उम्मीदवारों की जांच करनी होगी, बहुत से लोग खुद को मस्क समर्थित बताकर टिकट मांगेंगे, और इससे मस्क की छवि को नुकसान हो सकता है। हाल ही में विस्कॉन्सिन सुप्रीम कोर्ट के चुनाव में मस्क ने 20 मिलियन डॉलर से अधिक खर्च किए लेकिन उनकी पसंदीदा उम्मीदवार हार गईं। इसके बाद मस्क ने कहा कि वे भविष्य में कम राजनीतिक खर्च करेंगे, लेकिन संभावना खुली रखी कि अगर ज़रूरत पड़ी तो फिर से सक्रिय होंगे। मैककॉर्कल ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि मस्क अपना शेष जीवन कोई नई पार्टी बनाने में लगाएंगे। यह सब ट्रंप से नाराजगी और उनके विरासत को नुकसान पहुंचाने की रणनीति भर है।"