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एशिया कप फाइनल के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों पर गरमागरम बहस

एशिया कप फाइनल में भारत की जीत के बाद, कपिल देव और पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों के बीच भारत-पाकिस्तान संबंधों पर एक गरमागरम बहस छिड़ गई है। कपिल देव ने संवाद और रिश्तों को सुधारने की बात की, जबकि ढिल्लों ने पाकिस्तान को 'आतंकी राज्य' करार दिया। इस बहस ने खेल, कूटनीति और सुरक्षा के बीच के तनाव को उजागर किया है। जानें इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के विचार और उनकी प्रतिक्रियाएँ।
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एशिया कप फाइनल के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों पर गरमागरम बहस

भारत की जीत के बाद नई बहस का आगाज़

एशिया कप के फाइनल में भारत की जीत के बाद, मैदान के बाहर भी एक नई चर्चा शुरू हो गई है। क्रिकेट के दिग्गज कपिल देव ने पाकिस्तान के साथ संवाद और पड़ोसी देशों के रिश्तों को सुधारने की आवश्यकता पर जोर दिया, जबकि पूर्व सेना के लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने उनके विचारों को खारिज करते हुए पाकिस्तान को 'आतंकी राज्य' करार दिया। इस विवाद ने खेल, कूटनीति और सुरक्षा के बीच बढ़ते तनाव को और उजागर किया है।


कपिल देव का बयान

कपिल देव ने एशिया कप फाइनल के बाद एक साक्षात्कार में कहा कि जब सरकार और क्रिकेट बोर्ड खिलाड़ियों को पाकिस्तान के साथ खेलने की अनुमति देते हैं, तो खेल के दौरान हाथ मिलाना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 70 वर्षों में भारत-पाक रिश्तों में ज्यादा सुधार नहीं हुआ है, लेकिन 'हम बड़े भाई की तरह' पड़ोसी से संवाद करने की कोशिश करते रहना चाहिए। उनके अनुसार, बातचीत ही एकमात्र रास्ता है जो स्थायी समाधान की ओर ले जा सकता है।


ढिल्लों का प्रतिवाद

ढिल्लों ने दिया जवाब


कपिल देव की इस सोच से रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों सहमत नहीं हुए। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि 'हमारे पड़ोसी के प्रति यह 'बड़ा भाई' और 'पड़ोसी' वाला दृष्टिकोण वास्तविकता से मेल नहीं खाता।' ढिल्लों ने पाकिस्तान को 'आतंकी राज्य' बताते हुए कहा कि उसके आतंकवादी दशकों से निर्दोष भारतीय नागरिकों की हत्या कर रहे हैं। उनका स्पष्ट संदेश था कि 'उन्हें वहीं रखें जहां वे हैं।'


राजनीतिक विश्लेषकों की प्रतिक्रिया

राजनीति और सुरक्षा विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया


केवल ढिल्लों ही नहीं, राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने भी कपिल देव की राय का विरोध किया है। उन्होंने कहा, 'सम्मानपूर्वक कहना चाहूंगा कपिल देव जी, भारत पाकिस्तान में आतंकी हमले नहीं करता।' पूनावाला ने यह भी जोड़ा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी भारत ने नागरिकों को निशाना नहीं बनाया, जबकि पाकिस्तान बार-बार आतंक का सहारा लेता है। उन्होंने सख्त शब्दों में लिखा 'कृपया पाकिस्तान से बातचीत का विचार छोड़ दीजिए।'


खेल और सुरक्षा के बीच खिंचाव

खेल और सुरक्षा के बीच खिंचाव


एशिया कप की ट्रॉफी लेने से खिलाड़ियों का इनकार और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख से हाथ न मिलाना केवल खेल भावना का मुद्दा नहीं है। यह उस तनाव का प्रतीक है जो मैदान से बाहर सीमा और कूटनीति तक फैला हुआ है। कपिल देव ने इसे केवल 'खेल भावना' से जोड़ने की कोशिश की, जबकि ढिल्लों और कई विश्लेषक इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के संदर्भ में देख रहे हैं। इस बहस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत-पाक रिश्ते अब केवल खेल या सांस्कृतिक आदान-प्रदान तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इन्हें सुरक्षा और कूटनीति के दृष्टिकोण से ही देखा जाएगा।