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ओवैसी का पाकिस्तान पर हमला: चीन के बिना लाचार है पड़ोसी देश

असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पर तीखा हमला करते हुए कहा कि चीन के बिना उसकी कोई अहमियत नहीं है। उन्होंने पाकिस्तान के आतंकवाद प्रायोजित गतिविधियों और अंतरराष्ट्रीय फंड के दुरुपयोग पर चिंता जताई। ओवैसी ने FATF की ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान की वापसी की मांग की है, जिससे आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने में मदद मिलेगी। जानें इस मुद्दे पर उनके विचार और भारत के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के बारे में।
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ओवैसी का पाकिस्तान पर हमला: चीन के बिना लाचार है पड़ोसी देश

पाकिस्तान पर ओवैसी का तीखा बयान

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने 5 जून को पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि चीन के सहयोग के बिना पाकिस्तान की कोई अहमियत नहीं है। एक निजी चैनल के साथ बातचीत में ओवैसी ने स्पष्ट किया, "यह स्पष्ट हो चुका है कि चीन के बिना पाकिस्तान कुछ भी नहीं है। उनके पास चीन का समर्थन नहीं होने पर वे असहाय हैं।


पहलगाम आतंकी हमला और भारत की प्रतिक्रिया

ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल, जिसमें वे भी शामिल थे, ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) का नाम हटाने में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया, जिसमें चीन का सहयोग भी शामिल था।


पहलगाम हमला और भारत की कार्रवाई

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी TRF ने ली थी, जो लश्कर-ए-तैयबा का एक मोर्चा है। इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की। भारतीय अधिकारियों ने UNSC की 1267 प्रतिबंध समिति को TRF की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी थी। इसके बावजूद, पाकिस्तान ने चीन की मदद से TRF का नाम UNSC के प्रस्ताव से हटवाने में सफलता प्राप्त की।


पाकिस्तान को मिलने वाले फंड का दुरुपयोग

ओवैसी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को अन्य देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से मिलने वाला फंड विकास के लिए नहीं, बल्कि उसकी सेना के लिए इस्तेमाल हो रहा है। बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में भारत के विभिन्न हिस्सों से आए प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। ओवैसी ने बताया कि सऊदी अरब ने 2022 में पाकिस्तान को 2 बिलियन डॉलर की सहायता दी थी और हाल ही में 30 मिलियन डॉलर के कर्ज को नवीनीकृत किया था। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी पाकिस्तान को 2 बिलियन डॉलर का बेलआउट पैकेज दिया था।


फंडों की निगरानी की आवश्यकता

ओवैसी ने कहा, "हमने अनुरोध किया है कि इन सभी फंडों की निगरानी होनी चाहिए। यह पैसा पाकिस्तानी सेना के पास जा रहा है। यह पाकिस्तान के लोगों के विकास के लिए उपयोग नहीं हो रहा है..." उन्होंने यह भी कहा कि अब सरकार की जिम्मेदारी है कि पाकिस्तान को फिर से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में शामिल करवाया जाए।


भारत का अंतरराष्ट्रीय प्रयास

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत के प्रतिनिधिमंडल ने सऊदी अरब सहित विभिन्न देशों में पाकिस्तान की आतंकवाद-प्रायोजित गतिविधियों और फंड के दुरुपयोग के बारे में जागरूकता फैलाई। ओवैसी ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के प्रत्येक सदस्य ने अपनी पूरी कोशिश की ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान की वास्तविकता से अवगत कराया जा सके। उन्होंने जोर दिया कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय सहायता के दुरुपयोग को रोकने के लिए वैश्विक स्तर पर कड़े कदम उठाए जाने चाहिए।


FATF ग्रे लिस्ट में वापसी की मांग

ओवैसी ने FATF की ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान की वापसी की मांग करते हुए कहा कि यह कदम आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए आवश्यक है। उन्होंने भारत सरकार से अपील की कि वह इस दिशा में ठोस कदम उठाए ताकि पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाया जा सके। यह मामला न केवल भारत-पाकिस्तान संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भी एक अहम कदम है।