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ओवैसी ने इजरायल-ईरान संघर्ष पर की तीखी टिप्पणी, पाकिस्तान और ट्रंप को भी लिया निशाने

इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध के बीच, AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू को 'कसाई' कहा और अमेरिका के हमले पर पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान अगले 5 से 10 वर्षों में एक परमाणु शक्ति बन सकता है। ओवैसी ने अरब देशों को भी चेतावनी दी कि उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए परमाणु क्षमता पर विचार करना चाहिए।
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ओवैसी ने इजरायल-ईरान संघर्ष पर की तीखी टिप्पणी, पाकिस्तान और ट्रंप को भी लिया निशाने

इजरायल और ईरान के बीच बढ़ता तनाव

इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध के बीच अमेरिका ने भी ईरान पर हमला किया है। इस पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। ओवैसी ने इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप और पाकिस्तान पर तीखा हमला किया। उन्होंने नेतन्याहू को फिलिस्तिनियों के खिलाफ किए गए कत्लेआम का जिम्मेदार ठहराया और उन्हें 'कसाई' कहा। ओवैसी ने कहा कि इतिहास उन्हें पश्चिमी तट और गाजा में फिलिस्तिनियों की हत्या करने वाले व्यक्ति के रूप में याद करेगा।


पाकिस्तान पर ओवैसी की कड़ी टिप्पणी

ओवैसी ने ट्रंप को शांति का नोबेल पुरस्कार देने की सिफारिश करने वाले पाकिस्तान पर भी कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक बार फिर बेनकाब हो गया है। ईरान-इजरायल युद्ध के बीच अमेरिका के हमले पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया क्या होगी? क्या इसी कारण पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ लंच किया था? क्या पाकिस्तान अब भी ट्रंप को शांति का नोबेल पुरस्कार देने की सिफारिश करेगा?


ईरान की परमाणु शक्ति की संभावना

ओवैसी ने आगे कहा कि अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला किया है, जिससे ईरान और मजबूत होगा। उनका मानना है कि अगले 5 से 10 वर्षों में ईरान एक परमाणु शक्ति बन जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि संभव है कि ईरान ने अमेरिका के इस हमले की जानकारी पहले से ही ले ली हो और अपने परमाणु कार्यक्रम के लिए स्टॉक को दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया हो।


अरब देशों की नई चुनौतियाँ

ओवैसी ने कहा कि अमेरिका के हमले के बाद अरब देशों को अपने भविष्य के बारे में गंभीरता से विचार करना होगा। उन्हें यह सोचना होगा कि उन्हें परमाणु क्षमता की कितनी आवश्यकता है। यदि वे इजरायल के हमलों से बचना चाहते हैं, तो उन्हें भी न्यूक्लियर पावर से संपन्न होना होगा।