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कन्हैया कुमार: बिहार से कांग्रेस के युवा नेता की यात्रा

कन्हैया कुमार, बिहार के बेगूसराय से कांग्रेस के युवा नेता, ने छात्र राजनीति से अपने करियर की शुरुआत की। उनकी शिक्षा और संघर्ष ने उन्हें एक प्रमुख राजनीतिक चेहरा बना दिया है। जानें उनकी यात्रा, उपलब्धियां और राजनीतिक सफर के बारे में। क्या वे 2025 के चुनाव में अपनी पार्टी के लिए सफलता प्राप्त करेंगे? इस लेख में उनकी कहानी का पूरा विवरण है।
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कन्हैया कुमार: बिहार से कांग्रेस के युवा नेता की यात्रा

कन्हैया कुमार का परिचय

नई दिल्ली। बिहार के बेगूसराय जिले के एक छोटे से गांव बेहट में 1987 में जन्मे कन्हैया कुमार आज कांग्रेस पार्टी के एक प्रमुख युवा नेता बन चुके हैं। छात्र राजनीति से अपने करियर की शुरुआत करने वाले कन्हैया अब बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपनी पार्टी की चुनावी रणनीति तैयार कर रहे हैं। यह कहानी है एक ऐसे नेता की, जिनकी पहचान शिक्षा, विचारधारा और संघर्ष से बनी है। कन्हैया का मानना है कि शिक्षा केवल रोजगार का साधन नहीं, बल्कि समाज में बदलाव लाने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है। उनका जन्म जिस क्षेत्र में हुआ, वह मजदूर आंदोलनों और वामपंथी विचारों के लिए जाना जाता है। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य थी, लेकिन शिक्षा के महत्व को समझते थे।


शिक्षा का सफर

कन्हैया कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मसनदपुर के मध्य विद्यालय और फिर बरौनी के आरकेसी हाई स्कूल से प्राप्त की। उन्होंने 2002 में बिहार बोर्ड से दसवीं कक्षा पास की। इसके बाद, कन्हैया ने मोकामा के राम रतन सिंह कॉलेज से आईएससी (विज्ञान) की पढ़ाई की। 2007 में, उन्होंने पटना के कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एंड साइंस से भूगोल में स्नातक (बी.ए. आर्नस) की डिग्री हासिल की। इसके बाद, कन्हैया ने पटना के नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की और छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए।


जेएनयू में मिली पहचान

कन्हैया कुमार को असली पहचान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से मिली, जहां उन्होंने अफ्रीकी अध्ययन में एमए, फिर एमफिल और पीएचडी की पढ़ाई की। उनकी पीएचडी का विषय था, 'द प्रोसेस ऑफ डिकोलोनाइजेशन एंड सोशल ट्रांसफॉर्मेशन इन साउथ अफ्रीका'। जेएनयू में रहते हुए, वे 2015 में छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए और छात्र राजनीति के प्रमुख चेहरों में शामिल हो गए। वे अक्सर कहते हैं कि शिक्षा केवल अधिकार नहीं, बल्कि बदलाव का एक हथियार होना चाहिए।


कन्हैया कुमार का राजनीतिक सफर

पूरा नाम: कन्हैया कुमार
उम्र: 38 साल
जन्म तारीख: 2 जनवरी 1987
जन्म स्थान: बेगूसराय, बिहार
शिक्षा: पीएचडी
कॉलेज: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली
वर्तमान पद: कांग्रेस नेता
व्यवसाय: राजनीतिज्ञ
राजनीतिक दल: कांग्रेस
वैवाहिक स्थिति: अविवाहित
पिता का नाम: जयशंकर सिंह
माता का नाम: मीना देवी

कन्हैया कुमार के पिता जयशंकर सिंह लकवाग्रस्त हैं और उनकी मां मीना देवी एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं। उनका एक बड़ा भाई मणिकांत है, जो असम में एक कंपनी में सुपरवाइज़र के रूप में कार्यरत है। कन्हैया कुमार पर 6 आपराधिक मुकदमे भी दर्ज हैं।


राजनीतिक करियर

कन्हैया कुमार ने 2019 के आम चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के टिकट पर बेगूसराय से चुनाव लड़ा, जहां उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के गिरिराज सिंह से हुआ। हालांकि, कन्हैया को भारी मतों से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद, उन्होंने 2024 के आम चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल होकर उत्तर पूर्वी दिल्ली से उम्मीदवार बनने का निर्णय लिया, लेकिन यहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वर्तमान में, कन्हैया कुमार कांग्रेस के एक प्रमुख नेता हैं।


उपलब्धियां

कन्हैया कुमार कई कार्यक्रमों में सत्तारूढ़ दल और नरेंद्र मोदी की सरकार की आलोचना के लिए जाने जाते हैं। उनकी आत्मकथा, 'बिहार टू तिहाड़: माई पॉलिटिकल जर्नी', अक्टूबर 2016 में प्रकाशित हुई थी। कन्हैया ने जेएनयू प्रवेश परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया और एबीवीपी, एसएफआई और एनएसयूआई के उम्मीदवारों को हराकर जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष बनने वाले पहले एआईएसएफ सदस्य बने।