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करिश्मा कपूर के बच्चों ने पिता की संपत्ति के लिए कोर्ट में दायर किया मुकदमा

करिश्मा कपूर के बच्चे, समायरा और कियान, अपने पिता संजय कपूर की 30,000 करोड़ रुपये की संपत्ति में हिस्सेदारी के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर कर चुके हैं। उनका आरोप है कि उनकी सौतेली मां प्रिया सचदेव कपूर ने वसीयत में हेराफेरी की है। इस मामले में अदालत ने प्रिया को सभी संपत्तियों की सूची जमा करने का आदेश दिया है। जानें इस संपत्ति विवाद की पूरी कहानी और बच्चों के कानूनी अधिकारों के बारे में।
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करिश्मा कपूर के बच्चों ने पिता की संपत्ति के लिए कोर्ट में दायर किया मुकदमा

संजय कपूर की संपत्ति विवाद

Sunjay Kapur Property: करिश्मा कपूर के बच्चे, समायरा और कियान, अपने पिता संजय कपूर की 30,000 करोड़ रुपये की संपत्ति में हिस्सेदारी के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर कर चुके हैं। संजय कपूर, जो सोना कॉम्स्टार ऑटोमोबाइल कंपनी के चेयरमैन थे, का निधन जून 2025 में यूके में पोलो खेलते समय दिल का दौरा पड़ने से हुआ। उनके बच्चों ने अपनी सौतेली मां प्रिया सचदेव कपूर पर आरोप लगाया है कि उन्होंने वसीयत में हेराफेरी की है। उनका कहना है कि प्रिया ने संपत्ति पर नियंत्रण पाने के लिए वसीयत की जानकारी छिपाई और एक फर्जी दस्तावेज पेश किया, जो 21 मार्च 2025 का बताया गया है।


बच्चों ने अदालत से संपत्ति के बंटवारे, हिसाब-किताब और स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की है, ताकि उनके कानूनी अधिकार सुरक्षित रह सकें। हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के तहत, वे अपने पिता की संपत्ति में हिस्सेदारी के हकदार हैं। सुप्रीम कोर्ट के वकील तुषार कुमार ने कहा, 'तलाक के बावजूद, माता-पिता और बच्चों के बीच का रिश्ता बना रहता है। बच्चे क्लास I वारिस होते हैं और उनके पिता की मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति में हिस्सेदारी का अधिकार स्वतः शुरू हो जाता है।' वकील अनुष्का अरोड़ा ने बताया कि 'तलाक का समझौता केवल पति-पत्नी को बाध्य करता है, बच्चों के वैधानिक अधिकारों पर इसका कोई असर नहीं पड़ता।'


करिश्मा और संजय के तलाक के बाद बच्चों का संपत्ति पर अधिकार


वह आगे बताती हैं, 'इसके अलावा, नाबालिग द्वारा उत्तराधिकार का कोई भी त्याग उनकी कानूनी क्षमता की कमी के कारण अमान्य होगा। भारतीय अदालतें उत्तराधिकार शुरू होने से पहले नाबालिगों को अपने अधिकारों का त्याग करने की अनुमति नहीं देती हैं।'


बच्चे संपत्ति में हिस्सेदारी के लिए कब कर सकते हैं मुकदमा?


कुमार के अनुसार, 'यदि माता-पिता की मृत्यु बिना वैध वसीयत के होती है या जालसाजी या अनुचित प्रभाव के कारण वसीयत को चुनौती दी जाती है, तो बच्चे अपने वैध हिस्से के लिए अदालत में मुकदमा दायर कर सकते हैं। बच्चे संपत्ति के बंटवारे, अपने उत्तराधिकार की घोषणा, संपत्ति के निपटान को रोकने के लिए निषेधाज्ञा और खातों के विवरण की मांग कर सकते हैं।' बता दें कि अदालत ने प्रिया को संजय की सभी संपत्तियों की सूची जमा करने का आदेश दिया है.