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कर्नाटक कांग्रेस में एकता का संदेश, नेतृत्व परिवर्तन की अफवाहें खारिज

कर्नाटक कांग्रेस में आंतरिक कलह की अफवाहों के बीच, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने एकजुटता का संदेश दिया है। एआईसीसी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं को खारिज करते हुए कहा कि उनका दौरा केवल संगठनात्मक समीक्षा के लिए है। उन्होंने कर्नाटक में विकास कार्यों के लिए पर्याप्त धनराशि होने का दावा किया और विपक्षी पार्टी भाजपा पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी पार्टी की मजबूती पर जोर दिया। जानें इस महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में और अधिक जानकारी।
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कर्नाटक कांग्रेस में एकता का संदेश, नेतृत्व परिवर्तन की अफवाहें खारिज

कर्नाटक कांग्रेस की स्थिति

कर्नाटक सरकार: कर्नाटक कांग्रेस में आंतरिक विवादों की खबरों के बीच, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने एकजुटता का संकेत दिया है। एआईसीसी महासचिव और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं को पूरी तरह से खारिज करते हुए बताया कि उनका दौरा केवल संगठनात्मक समीक्षा के लिए है। बेंगलुरु में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने इन अटकलों को समाप्त किया और पार्टी की मजबूती पर जोर दिया। सुरजेवाला ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा, "आपमें से कुछ लोगों ने मुझसे पूछा है कि क्या आप नेतृत्व परिवर्तन पर विचार कर रहे हैं। मैंने कल भी यही कहा था और आज फिर से स्पष्ट रूप से कहता हूं कि इसका जवाब एक शब्द में 'नहीं' है।


उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका कर्नाटक दौरा विधायकों और सांसदों के कार्यों की समीक्षा करने और उनके निर्वाचन क्षेत्रों में किए गए विकास कार्यों को समझने के लिए है। उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के साथ मिलकर पत्रकारों को संबोधित करते हुए सुरजेवाला ने कहा, "हम विधायकों और सांसदों से मिल रहे हैं। हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में क्या कार्य किए हैं। उनके प्रदर्शन की समीक्षा करना आवश्यक है।


विकास के लिए धन की उपलब्धता


सुरजेवाला ने कर्नाटक में विकास कार्यों के लिए पर्याप्त धनराशि होने का दावा किया और कुछ विधायकों के आरोपों को खारिज किया कि उनके क्षेत्रों में काम नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह सब विपक्षी पार्टी भाजपा द्वारा फैलाया गया भ्रम है। सुरजेवाला ने आरोप लगाया, "यह कर्नाटक में भाजपा द्वारा निर्मित एक भ्रम है। वे चाहते हैं कि गारंटी बंद कर दी जाए।" उन्होंने आगे कहा, "मैं दोहराता हूं कि आर अशोक से लेकर विजयेंद्र तक भाजपा नेता पांच गारंटियों को रोकना चाहते हैं। वे नहीं चाहते कि 58,000 करोड़ रुपये पारदर्शी तरीके से कन्नड़ लोगों की जेब में जाएं।


कांग्रेस की एकता पर जोर


कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि यह निर्णय पूरी तरह से पार्टी हाईकमान पर निर्भर है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी डी.के. शिवकुमार के साथ एकजुटता दिखाते हुए कहा कि पार्टी "चट्टान की तरह मजबूत" है। कर्नाटक के मंत्री एच.के. पाटिल ने भी इस मुद्दे पर स्पष्टता दी। उन्होंने कहा, "कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस अभ्यास का नेतृत्व परिवर्तन से कोई संबंध नहीं है।