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कर्नाटक की राजनीति में हलचल: क्या D.K. Shivakumar बनेंगे अगले मुख्यमंत्री?

कर्नाटक की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मची है, जब विधायक एच. ए. इकबाल हुसैन ने संकेत दिया कि डिप्टी सीएम D.K. Shivakumar को अगले 2-3 महीनों में मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। यह बयान सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना के 'क्रांतिकारी बदलाव' के बयान के बाद आया है। क्या यह बदलाव सच में होगा? जानें इस लेख में।
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कर्नाटक की राजनीति में हलचल: क्या D.K. Shivakumar बनेंगे अगले मुख्यमंत्री?

कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा

कर्नाटक की राजनीतिक स्थिति में एक बार फिर से हलचल देखने को मिल रही है। कांग्रेस सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की संभावनाएं तब बढ़ गईं जब पार्टी के विधायक एच. ए. इकबाल हुसैन ने खुलासा किया कि डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को अगले 2 से 3 महीनों में मुख्यमंत्री पद सौंपा जा सकता है।


यह बयान उस समय आया है जब सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना ने 'सितंबर के बाद क्रांतिकारी बदलाव' की बात की, जिससे राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई। एच. ए. इकबाल हुसैन ने स्पष्ट किया कि पार्टी हाईकमान को सभी घटनाक्रमों की जानकारी है और उचित समय पर निर्णय लिया जाएगा।


नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें

कांग्रेस विधायक इकबाल हुसैन ने रामनगर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सभी जानते हैं कि इस जीत के लिए किसने मेहनत की। उन्होंने कहा कि शिवकुमार की रणनीतियां अब इतिहास बन चुकी हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिलेगा, तो उन्होंने कहा कि वह अटकलों पर विश्वास नहीं करते, लेकिन उन्हें पूरा भरोसा है कि आलाकमान स्थिति से अवगत है।


दो-तीन महीने में निर्णय की संभावना

जब विधायक से पूछा गया कि क्या शिवकुमार इस साल मुख्यमंत्री बन सकते हैं, तो उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के कहा कि हां, अगले दो से तीन महीने में निर्णय हो जाएगा। यह बयान स्पष्ट संकेत देता है कि कर्नाटक की सत्ता संरचना में जल्द ही बदलाव संभव है।


सिद्धारमैया के बेटे का बयान

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया ने नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को खारिज किया था। इसके जवाब में इकबाल हुसैन ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने 2023 में सरकार गठन का निर्णय लिया था, और अगला निर्णय भी वही लोग लेंगे।


इकबाल हुसैन ने कहा कि कांग्रेस में केवल एक ही सत्ता केंद्र है, जो पार्टी हाईकमान है। उन्होंने यह भी कहा कि कई समुदायों के लोगों ने कांग्रेस के लिए बलिदान दिया है और वर्तमान स्थिति में बदलाव की उम्मीद की जा सकती है, लेकिन इसे क्रांति नहीं कहा जा सकता।