कर्नाटक के मंत्री केएन राजन्ना का इस्तीफा: राहुल गांधी पर आरोपों के चलते कार्रवाई

केएन राजन्ना का इस्तीफा
कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वह मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीबी सहयोगी माने जाते थे, लेकिन पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन करने और पार्टी विरोधी टिप्पणियों के कारण उन पर कार्रवाई की गई। कांग्रेस हाईकमान ने राजन्ना के खिलाफ एक्शन लेते हुए उनसे इस्तीफा मांगा, जिसे उन्होंने आज स्वीकार कर लिया।
पार्टी विरोधी बयानों की वजह से इस्तीफा
राजन्ना लंबे समय से अपने बयानों के कारण पार्टी की निगरानी में थे। राहुल गांधी के खिलाफ उनके हालिया बयान ने उनकी स्थिति को और कमजोर कर दिया। जून से ही राजन्ना कर्नाटक में राजनीतिक बदलाव की संभावना की बात कर रहे थे। उन्होंने महादेवपुरा में वोट लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाकर पार्टी हाईकमान को नाराज किया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
केएन राजन्ना का राजनीतिक सफर
राजन्ना भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक प्रमुख नेता हैं, जो अनुसूचित जनजाति समुदाय से आते हैं। उन्होंने मधुगिरी निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीता है और सिद्धारमैया सरकार में सहकारिता मंत्री के रूप में कार्य किया। उनका राजनीतिक करियर 1972 में कांग्रेस से शुरू हुआ, और उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।
सहकारी समितियों में योगदान
राजन्ना ने 2007 में कांग्रेस में वापसी की और 2013 तथा 2023 में मधुगिरी से विधायक बने। उन्होंने कर्नाटक स्टेट को-ऑपरेटिव एपेक्स बैंक और अन्य सहकारी संस्थाओं में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। हाल ही में उन्होंने घोषणा की है कि वह अब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन राजनीति में सक्रिय रहेंगे।