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कर्नाटक के हासन में हार्ट अटैक से बढ़ती मौतों की जांच के लिए समिति का गठन

कर्नाटक के हासन जिले में हार्ट अटैक से हुई मौतों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे सरकार ने गंभीरता दिखाई है। पिछले महीने में 20 से अधिक लोगों की मौत के बाद, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। यह समिति इन मौतों के कारणों की पहचान करने के साथ-साथ कोविड टीकों के संभावित प्रभावों की भी जांच करेगी। इस मामले में राजनीतिक बयानबाजी भी हो रही है, जिसमें भाजपा नेताओं की आलोचना की जा रही है।
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कर्नाटक के हासन में हार्ट अटैक से बढ़ती मौतों की जांच के लिए समिति का गठन

हार्ट अटैक से बढ़ती मौतों का मामला

Hassan Heart Attack: हाल के दिनों में हार्ट अटैक के कारण होने वाली मौतों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। कुछ लोग खेल के दौरान तो कुछ काम करते समय इस समस्या का शिकार हो रहे हैं। हाल ही में कर्नाटक के हासन जिले में हार्ट अटैक से हुई कई मौतों ने चिंता बढ़ा दी है। इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जो इन मौतों के कारणों की जांच करेगी।


सरकार की गंभीरता

मामले को लेकर सरकार ने दिखाई गंभीरता


कर्नाटक के हासन जिले में पिछले एक महीने में 20 से अधिक लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लिया जा रहा है।


विशेषज्ञ समिति का गठन

समिति का गठन


मुख्यमंत्री ने बताया कि इन मौतों के कारणों की पहचान और समाधान खोजने के लिए जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज़ एंड रिसर्च के निदेशक डॉ. रवींद्रनाथ के नेतृत्व में विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है। इस समिति को 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।


कोविड टीकों का प्रभाव

मौत और कोविड टीकों के प्रभाव की जांच


मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि समिति को राज्य में युवाओं में अचानक होने वाली मौतों और कोविड टीकों के संभावित प्रतिकूल प्रभावों की जांच करने का कार्य भी सौंपा गया है। इस संदर्भ में हृदय रोगियों की जांच और विश्लेषण की प्रक्रिया जारी है।


राजनीतिक बयानबाजी

सिद्धारमैया ने भाजपा नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि वे ऐसे मामलों का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड वैक्सीन की जल्दी मंजूरी और वितरण इन मौतों का एक संभावित कारण हो सकता है, जैसा कि हाल के अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों से संकेत मिलता है।