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कर्नाटक में आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग, मंत्री प्रियांक खरगे ने लिखा पत्र

कर्नाटक में आरएसएस की गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग उठाई गई है। आईटी मंत्री प्रियांक खरगे ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर संघ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि आरएसएस संविधान के खिलाफ काम कर रहा है और युवाओं को भड़काने का आरोप लगाया। इस पर भाजपा ने प्रतिक्रिया दी है, आरएसएस की बढ़ती लोकप्रियता को लेकर कांग्रेस की असहिष्णुता की बात की है। जानें पूरी कहानी में क्या है।
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कर्नाटक में आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग, मंत्री प्रियांक खरगे ने लिखा पत्र

कर्नाटक में आरएसएस गतिविधियों पर प्रतिबंध की तैयारी


कर्नाटक समाचार: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) अपने 100 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संघ की सेवा भावना की सराहना की है और हाल ही में आरएसएस के शताब्दी समारोह में भी शामिल हुए थे। इस बीच, कर्नाटक में संघ की गतिविधियों पर रोक लगाने की योजना बनाई जा रही है। राज्य के आईटी मंत्री प्रियांक खरगे ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को इस संबंध में एक पत्र लिखा है।


सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक ने पत्र में आरएसएस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि संघ के सदस्य संविधान के खिलाफ गतिविधियों में लिप्त हैं और युवाओं तथा बच्चों को भड़काते हैं, जिससे देश की एकता को खतरा हो सकता है। प्रियांक ने मांग की है कि आरएसएस की शाखाओं और बैठकों पर रोक लगाई जाए और सरकारी स्कूलों, सहायता प्राप्त स्कूलों, खेल के मैदानों आदि में शाखाएं न लगने दी जाएं। इसके अलावा, सरकारी मंदिरों के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है।


प्रियांक ने यह भी कहा कि आरएसएस अपनी गतिविधियों के माध्यम से नफरत का प्रचार कर रहा है। उनके कार्यकर्ता बिना पुलिस की अनुमति के लाठी लेकर चलते हैं। इस पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने प्रतिक्रिया दी है, stating that the growing popularity of RSS is troubling Congress, which has become intolerant. उन्होंने कहा कि देश में आरएसएस के अनुशासनहीनता का कोई उदाहरण नहीं है और संघ हमेशा देश की रक्षा के लिए तत्पर रहा है।